


ग्रामीणों ने कहा कि लोकसभा और विधानसभा से सबसे ऊपर ग्रामसभा होती है. ग्रामीणों ने एक स्वर में ऐलान किया कि कंपनी के किसी भी प्रतिनिधि को गांव में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा. ग्रामीणों ने स्पष्ट रूप से कहा कि वे पांचवीं अनुसूची क्षेत्र में रहते हैं, जहां केवल ग्रामसभा का अधिकार सर्वोपरि है.
बैठक में दलालों और बिचौलियों को भी कड़ा संदेश दिया गया कि वे कंपनी की दलाली करना तुरंत बंद करें. अन्यथा ग्रामीण समाज उनका बहिष्कार करेगा. ग्रामीणों ने गांव बचाओ, कंपनी भगाओ का नारा बुलंद करते हुए आंदोलन को और तेज करने का निर्णय लिया.