लातेहार
भारत में परिवार नहीं, बल्कि कुटुंब व्यवस्था है: डा पूजा
एसवीएम में किया गया सप्तशक्ति संगम : मातृशक्ति के जागरण का प्रेरणादायी आयोजन


कार्यक्रम का शुभारंभ संस्कृत वंदना से किया गया. अतिथि परिचय गीता कुमारी के द्वारा कराया गया. जबकि कार्यक्रम की प्रस्तावना प्रांत सह संयोजिका सुशीला जी ने रखी. उन्होंने बताया कि झारखंड प्रांत का यह पहला सप्तशक्ति संगम है. इसका उद्देश्य मातृशक्ति में निहित सात शक्तियों को जागृत करना है. मौके पर विद्यालय की प्रीति, स्मृति एवं अंजनी ने सामुहिक गीत प्रस्तुत किया. मुख्य वक्ता डॉ पूजा ने कुटुंब प्रबोधन की भारतीय दृष्टि एवं पर्यावरण विषय पर अपना विचार रखा. उन्होने कहा कि भारत में परिवार नहीं, बल्कि कुटुंब व्यवस्था है. यहां माता, बहन और हर स्त्री परिवार की रीढ़ होती हैं. उन्होने बातया कि यह संगम पूरे भारत में पांच अक्टूबर को प्रारंभ हुआ है और अगले 23 जनवरी तक चलेगा.
कार्यक्रम में लक्ष्मीबाई केलकर एवं स्वामी विवेकानंद के प्रेरक व्यक्तित्व पर आधारित जीवंत प्रस्तुती की गयी. श्रीमती रंजना ने कहा कि मां की ममता बच्चों के लिए एक प्राकृतिक एंटीबायोटिक के समान होती है, जो समाज निर्माण की सबसे बड़ी शक्ति है. इस अवसर पर स्वरोजगार को अपनाने वाली वैजयंती को विशिष्ट माता सम्मान से डॉ पूजा द्वारा सम्मानित किया गया. पर्यावरण संरक्षण में उल्लेखनीय योगदान हेतु सुशीला देवी को विशिष्ट माता सम्मान रंजना जी के द्वारा प्रदान किया गया. रिचा शर्मा एवं प्रियंका मौर्या ने अपने अनुभव साझा किये. मातृ भारती की अध्यक्ष रितु रानी पांडेय ने नारी को समाज की वास्तविक निर्माता बताया.
कार्यक्रम का समापन आभार ममता जी एवं संकल्प वाचन उपासना जी ने किया. मौके पर सप्तशक्ति संगम के प्रांत प्रभारी अखिलेश कुमार, विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष राजीव रंजन कुमार पांडे, सचिव नरेंद्र कुमार पांडेय, विद्यालय के प्रधानाचार्य उत्तम कुमार मुखर्जी, पलामू विभाग के विभिन्न विद्यालय के प्रधानाचार्य एवं आचार्य, सप्तशक्ति संगम के संयोजिका दीदी और समाज के विभिन्न क्षेत्रों से आई अभिभावक माता सहित काफी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया.