

लातेहार। झारखंड के महुआडांड़ में मशहूर लोध फॉल का इंट्री कांउटर बुधवार से बंद कर दिया गया है. लोध ग्राम के इको विकास समिति एवं ग्रामीणों के बीच की तकरार के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई बुधवार को जिला परिषद सदस्य इस्तेला नगेसिया, लोध के ग्राम प्रधान फ्रांसिंस केरकेट्टा एवं अन्य कई ग्रामीणों ने इंट्री कांउटर बंद करा दिया. जिप सदस्य नगेसिया ने बताया कि ग्रामीणों की आपसी विवाद को देखते हुए इंट्री काउंटर बंद करा दिया गया है. जब तक लोध विवाद सुलझ नहीं जाते तब इंट्री काउंटर को बंद रहेगा. उन्होंने वन विभाग पर बड़ा आरोप लगाया है.
कहा है कि इको विकास समिति के माध्यम से वन विभाग के अधिकारी पैसों का कलेक्शन कराते हैं, लेकिन पैसे कहां खर्च होते हैं यह सार्वजनिक नहीं किया जाता है. गांव में किसी प्रकार विकास का कार्य धरातल पर नहीं दिखता है. जिस पर्यटन स्थल के नाम पर पर्यटकों से पैसा वसूला जाता है, उसकी भी सुधी लेने वाला कोई नहीं है. पिछले बरसात में ही लोध जलप्रपात में पुलिया क्षतिग्रस्त हो गया था, अभी तक उसकी मरम्मत नहीं कराई गई है. पर्यटक जान में खेल कर लोध फॉल का दीदार कर रहे हैं. हाल के दिनों में पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. बावजूद इसके पुल को दुरूस्त नहीं किया जा रहा है. पर्यटकों के लिए शौचालय के व्यवस्था भी सही ढंग से नहीं की गई है. विकास समिति के सदस्यों के द्वारा जंजीर लगाकर के कई ग्रामीणों को खेती करने से रोका गया है. लेकिन उसका हर्जाना भी उन्हें नहीं दिया गया.
उन्होने बताया कि ग्रामीणों ने उन्हें आवेदन दिया था और ग्राम प्रधान के आग्रह पर उनके साथ में यहां आकर के एंट्री काउंटर को बंद कराया है. उन्होने कहा कि जब तक विवाद ग्राम सभा मे सुलझ नहीं जाता है और पिछले पांच साल के आय व्यय का हिसाब नहीं किया जाता है तब तक ग्राम प्रधान ने एंट्री काउंटर को बंद कराने का आग्रह किया है. इस संबंध में पूछे जाने पर वनपाल कुणाल कुमार ने बताया कि इको विकास समिति से लोध ग्राम में विकास कार्य हेतु प्रस्ताव मांगे गए थे. अभी तक ग्रामीण और ग्राम प्रधान ने कोई प्रस्ताव नहीं दिया है. इस कारण गांव में विकास के कार्य नहीं हो पा रहे हैं. उन्होंने बताया कि इको विकास समिति के पूर्व अध्यक्ष के द्वारा हिसाब नहीं दिया गया है और इसी कारण यह विवाद की स्थिति बनी हुई है. हालांकि इस दौरान सैलानी लोध का दीदार कर सकते हैं.




