
महुआडांड़ (लातेहार)। महुआडांड़ पारिश में क्रिसमस गैदरिंग बडी धूमधाम से मनाया गया. कार्यक्रम की शुरूआत मिस्सा पूजा से की गयी. मुख्य अनुष्ठान फादर सुरेश ने अपने सन्देश मे येसु मसीह के जन्म के महत्व को बताया. उन्होने कहा कि प्रभु यीशू स्वर्ग से शान्ति प्रेम दया और क्षमा लेकर आए. खुशी और शान्ति सारे मानव जाति के लिए था. मिस्सा पूजा के बाद रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें स्वागत गान गांव बरटोली,नाच महिला संघ, क्रिसमस डांस संत जेवियर्स स्कूल रामपूर, के साथ कैथोलिक संघ, हॉली क्रास की सिस्टर बहनें , छात्रावास के बच्चों सामुहिक नृत्य व गीत प्रस्तुत किया. फादर अपने संदेश में कहा कि क्रिसमस का त्योहार हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है.
यह केवल एक धार्मिक पर्व ही नहीं, बल्कि प्रेम, शांति और भाईचारे का संदेश देने वाला अवसर भी है. यह वह दिन है जब ईसाई समुदाय प्रभु यीशु मसीह के जन्म का उत्सव मनाता है. लेकिन क्रिसमस का अर्थ केवल ईसाई धर्म तक सीमित नहीं है. यह त्योहार हर मानव जाति के लिए जीवन में सकारात्मकता और मानवता के मूल्यों को अपनाने की प्रेरणा देता है. आज के इस बदलते युग में, जब समाज असमानता, हिंसा, पर्यावरण संकट और नैतिक मूल्यों का पतन जैसे अनेक चुनौतियों का सामना कर रहा है, वैसे में समस का संदेश और भी प्रासंगिक हो जाता है.
प्रभु यीशु का जीवन हमें सिखाता है कि किस तरह हम प्रेम, सेवा और त्याग के माध्यम से एक बेहतर समाज का निर्माण कर सकते हैं. आइए, इस क्रिसमस पर हम सब मिलकर प्रण करें कि हम प्रभु यीशु के संदेश को अपने जीवन में अपनाए और इसे दूसरों तक पहुंचाएंगे. मौक पर फादर दिलीप, सिस्टर स्वाति कैथोलिक अध्यक्ष फुलदेव, सचिव बिक्रम, नीलम के अलावा कई महिला-पुरुष संघ व युवा संघ और चर्च के आसपास के गांवों ईसाई समुदाय के लोग उपस्थित थे. 



