लातेहार। शहर के धर्मपुर पथ में स्थित सरस्वती विद्या मंदिर में 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाया गया. प्राचार्य अरूण कुमार चौधरी व अन्य आचार्यों ने कार्यक्रम का शुभारंभ वीर जोरावर सिंह और फतेह सिंह के चित्र पर पुष्पांजलि कर किया. प्रधानाचार्य अरुण कुमार चौधरी ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह के दोनों सपूतों के बलिदान को कभी भूलाया नहीं जा सकता है. उन्होने दीवार में चुनवाना मुनासिब समझा लेकिन मुगलों के आगे न तो घुटने टेके और ना ही अपना धर्म को बदला.
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आचार्य कपिल प्रमाणिक ने दोनो भाइयों के बलिदान की गाथा सुनाई और कहा कि गुरु गोविंद सिंह के नौकर ने ही उनके दोनों छोटे बेटों की मुखबिरी कर दी थी और गवर्नर वजीर खां ने उनको मारने आदेश दिया था. वजीर खां ने गुरु के दोनों छोटे बेटो को इस्लाम धर्म कबूल करने के बाद जान बख्शने की बात कही थी. लेकिन छह और आठ साल के इन मासूमों ने ऐसा करने से मना कर दिया. इसके बाद वजीर खां ने उनको जिंदा दीवार में चुनवाने का आदेश दिया.
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विद्यालय के आचार्या रेनू गुप्ता ने एक गीत के माध्यम से उनके बलिदान की जानकारी दी. कक्षा नौ की छात्रा रुपाली ने फतेह सिंह एवं जोरावर सिंह की जीवनी को प्रस्तुत किया. मंच का संचालन कक्षा दसवीं की छात्रा प्रज्ञा एवं प्रतिभा शर्मा ने किया.
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इस कार्यक्रम में रजनी नाग, रितेश रंजन गुप्ता, आलोक पांडेय,आकाश सेन,दिपक दास, सलमान हो जाई , फूलचंद सिंह, राधेश्याम मिश्र, ओंकार नाथ सहाय,रुबी, उपासना, खुशबू,शील्पा, गीता कुमारी,पूनम,नीलम, लालबहादुर राम, शशि कांत पांडेय, गोपाल प्रसाद, राकेश शर्मा, रविन्द्र पांडेय, रविकांत पाठक,दीपक शर्मा, ममता त्रिपाठी, धर्म प्रकाश प्रसाद आदि उपस्थित थे.