
महुआडांड़(लातेहार)। प्रखंड में बैगई जमीन की घेराबंदी विवाद को लेकर शुक्रवार को सरना आदिवासी विकास एकता मंच की बैठक बैगई जमीन स्थित सरना भवन में किया गया. बैगई जमीन के बैगा सुलेमान की उपस्थित में बैठक की गयी. बैठक में उपस्थित बैगा के अनुमति लेने के बाद करमा त्यौहार धुमधाम से मनाने का निर्णय लिया.

बैठक में बताया गया कि महुआडांड़ मौजा-अम्बाटोली, थाना संख्या-137, खाता संख्या-295, खसरा संख्या-244, रकबा-2 एकड 40 डिसमिल भूमि बैगा जमीन के रूप में दर्ज है. उक्त भमि आदिवासी समाज की परंपरा एवं पूजा-पाठ हेतु सरना स्थल के रूप में प्राचीन काल से प्रयोग की जा रही है. इस भूमि पर सरना स्थल एवं सरना भवन स्थित है, जो आदिवासी समाज का सामाजिक धार्मिक एवं सांस्कतिक केंद्र हैं. बैठक में कहा गया कि बैगा जमीन आदिवासी समाज की सार्वजनिक सामाजिक संपति होती है.जिसमें समाज द्वारा सर्वसम्मति से चुने हुये सदस्य को “बैगा” (प्रकृति पूजा अन्ष्ठानकर्ता) घोषित किया जाता है.

पिछले 21 अगस्त को उक्त भूमि पर आदिवासी समाज के द्वारा तार जाली से घेराबंदी किया जा रहा था. जिसके विरोध में हिन्दू महासभा, महुआडांड़ द्वारा रोक-टोक और हस्तक्षेप किया गया. आरोप है कि आदिवासी समाज के एक बैगा को बहला-फुसलाकर हिन्दूकुल का बैगा बताकर भूमि की प्रकति को बदलकर सामान्य वर्ग की जमीन घोषित करने तथा आदिवासी समाज के धार्मिक अधिकारों में हस्तक्षेप करने का षडयंत्र भी रचा गया.

इसे लेकर सरना समाज के लोगों ने डीसी, एसडीओ, सीओ, थाना प्रभारी को आवेदन देकर ऐसे अवैध कृत्यों से सामाजिक सौहर्द बिगाड़ने वाले संगठनों पर प्रशासनिक स्तर से सख्त रोक लगाने की मांग की. मौके पर बिनोद उरांव, प्रदीप उरांव,सुशील उरांव, संगीता देवी, मंजू तिर्की, संध्या मिंज, मालती देवी, बसंती देवी, पूनम देवी, मंगलदेव नगेसिया, सुषमा देवी, बबिया देवी, मनोहर उरांव, चितरंजन उरांव, फतेसर मुंडा, रविदास उरांव, कपिल उरांव, कुंवर मुंडा, मनोहर उरांव, पवन बड़ा सहित अन्य लोग मौजूद थे.




