


प्रदर्शनकारियों का कहना था कि प्रखंड के 81 गांवों में से 77 गांवों को खुले में शौच मुक्त (ODF) घोषित कर दिया गया है, जबकि जमीनी हकीकत इसके बिल्कुल विपरीत है. अधिकांश गांवों में शौचालयों का निर्माण नहीं हुआ है. ग्रामीण आज भी खुले में शौच करने को मजबूर हैं. प्रदर्शन के दौरान आक्रोशित महिलाएं और ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि शौचालय निर्माण के नाम पर करोड़ों रुपए का गबन किया गया है. मौके पर प्रदर्शनकारियों ने शौचालय घोटाले से जुड़े सभी साक्ष्य आवेदन के साथ झारखंड के राज्यपाल के नाम ज्ञापन प्रखंड विकास पदाधिकारी रेशमा रेखा मिंज को सौंपा और इसकी उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की.
प्रखंड विकास पदाधिकारी रेशमा रेखा मिंज ने कहा कि इसकी जांच करा कर एक सप्ताह में इसकी पूरी जानकारी दे दी जायेगी. इस दौरान ग्रामीणों ने प्रखंड कार्यालय का मुख्य द्वार को लगभग एक घंटा से अधिक जाम कर के रखा. इससे आम ग्रामीणों को प्रखंड कार्यालय में आने–जाने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा. वहीं मौके पर तारामणि देवी, मंजू देवी, शोभा देवी, पुजा कुमारी, प्रतिमा देवी, रंजू देवी, मीना देवी, रातनी देवी, निरावती देवी, फुलवा देवी, देवती देवी, आरती देवी, टुनिया देवी समेत कई लोग मौजूद थे.