बरवाडीह
संयुक्त ग्राम सभा मंच के तत्वावधान में पेयजल के मुद्दे पर हुई जन सुनवाई


जनसुनवाई में कुल 20 गांवों से जुड़ी शिकायतों पर चर्चा की गयी. बताया गया कि 14 जगहों पर बोरिंग की गई है, जिनमें से 82 खराब हैं. 30 जगहों पर पानी ही नहीं पहुंच पाया और छह जगहों पर सिर्फ नाम का कनेक्शन किया गया है. शेष आठ जगहों में से सिर्फ दो जगहों पर ही सही से पानी मिल रहा है. ग्रामीणों ने कहा कि 11 गांव ऐसे हैं, जहां एक भी बोरिंग काम नहीं कर रहा है. जन सुनवाई में जन स्वास्थ्य एवं स्वच्छता विभाग के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के सहायक अभियंता प्रशांत कुमार पांडेय व कनीय अभियंता पियूष कुमार रंजन समेत कई अधिकारी मौजूद थे.
मौके पर मौजूद रामनंदन सिंह, जलेश्वर उरांव और अन्य ग्रामीणों ने सवाल किया कि आखिर इतने सालों में भी हैंडपंप क्यों नहीं चालू हो पाए. टंकी बन गई फिर भी पानी क्यों नहीं आ रहा. पाइप लाइन बिछाई गई परंतु तक पानी क्यों नहीं पहुंच पाया. सवालों के जवाब पर पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के सहायक अभियंता प्रशांत कुमार पांडेय ने उपर के अधिकारियों पर दांव खेलते हुए कहा कि हम तो सरकार का नौकर है मुझे जो ऊपर से आदेश मिलता है हम वही करते है.जनसुनवाई में बलराम, गुरजीत सिंह, जेम्स हेरेंज, मिथिलेश कुमार, जवाहर मेहता, मृत्युंजय रत्नाकर, जिप सदस्य कन्हाई सिंह, संतोषी शेखर आदि मौजूद थे. 