


उन्होने आगे कहा कि त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव के तीन वर्ष बीत गये. लेकिन जिला परिषद सदयो को वह मान सम्मान व अधिकार नहीं मिल पाया जो मिलना चाहिए था. उन्होने कहा कि अधिकारियों के द्वारा जिला परिषद सदस्यों को किसी प्रकार की कोई तरजीह नहीं दी जाती है. इससे जिला परिषद सदस्य मानसिक और सामाजिक पीड़ा झेलने को मजबूर हैं. जिप उपाध्यक्ष अनिता सिंह ने कहा कि जिला परिषद की नियमित बैठकें तक नहीं होती है. योजनाओं को जानबूझ कर लटका कर रखा जाता है. पूर्ण योजनाओं का भुगतान नहीं किया जाता है. इन सब समस्याओं से अजीज आ कर यह धरना प्रदर्शन किया जा रहा है.
जिप सदस्य विनोद उरांव ने लातेहार जिला परिषद में पूर्ण रूप से डीआरडीए का विलय करने और जिला परिषद की नियमित बैठक कर समय पर अनुपालन कराने की मांग की. उन्होने जिला परिषद के लिए अलग से सहायक व कनीय अभिंताओं की नियुक्ति करने की मांग की. जिप सदस्य संतोषी शेखर ने कहा कि अगर अब भी सरकार नहीं चेतती है तो लातेहार के जिला परिषद सदस्य सामुहिक इस्तीफा देगें. जिप सदस्य कन्हाई सिंह ने जिला परिषद के मद से होने वाली योजनाओं की स्वीकृति कराने एवं समय पर कार्यों को पूरा कराने की मांग की.
धरना के माध्यम से जिला परिषद के विभिन्न प्रखंडां में होने वाले डाक बंगला निर्माण की अधूरी प्रक्रिया को पूरा करते हुए निविदा प्रकाशित करने, जिला परिषद सदस्यों को बैठकों के साथ क्षेत्र भ्रमण के लिए इंधन उपलब्ध कराने, विभिन्न विभागों में सड़क, पुल व पुलिया समेंत अन्य योजनाओं के चयन में जिला परिषद सदस्यों को प्राथमिकता देने, जिला परिषद की पूर्ण योजनाओं में राशि का भुगतान करने एवं जिला परिषद का अपना कार्यालय भवन निर्माण कराने की मांग की गयी. धरना प्रदर्शन में जिप सदस्य प्रियंका कुमारी, चंचला देवी, प्रतिमा देवी, बुद्धेश्वर सिंह, रमेश राम, सनपतिया देवी, ए नगेशिया, जीरा देवी आदि मौजूद थे. धरना के बाद राज्यपाल को संबोधित एक ज्ञापन उपायुक्त, लातेहार को सौंपा गया.