


बैठक मे बाल विवाह रोकथाम के लिए प्रभावी रणनीति, कानूनी प्रावधानों की जानकारी और समाज में जागरूकता फैलाने पर विशेष चर्चा की गई. जानकारी देते हुए बताया गया कि बाल विवाह रोकथाम के लिए बाल विवाह निषेध अधिनियम के तहत कठोर प्रावधान हैं. जिसमें लड़कियों की शादी की न्यूनतम आयु 18 वर्ष और लड़कों की 21 वर्ष निर्धारित है. बाल विवाह कराने, उसमें शामिल होने या उसे बढ़ावा देने वालों पर दो साल तक की सजा और एक लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है.
बैठक में पंचायत स्तर पर बाल विवाह निगरानी रखने, स्कूलों और कॉलेजों में जागरूकता अभियान चलाने, धार्मिक और सामाजिक नेताओं की भागीदारी सुनिश्चित करने बाल विवाह की सूचना मिलने पर तुरंत कार्रवाई के लिए हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करने की चर्चा हुई. कार्यशाला में एसडीपीओ शिवपूजन बहेलिया, जिला परिषद सदस्य इस्तेला नगेशिया, बीडीओ सह सीओ संतोष कुमार बैठा, थाना प्रभारी मनोज कुमार, प्रखंड प्रमुख कंचन कुजूर के अलावा प्रखंड के सभी पंचायतों के मुखिया, फ़ादर दिलीप एक्का, इफ्तिखार अहमद, अजित पाल कुजूर, विद्यालयों के प्रधानाचार्य, बैगा, पाहन, पंडित, मौलवी, पादरी, सदर ईमरान अली, मंजुलअंसारी, रानू खान समेत कई ग्राम प्रधान को आमंत्रित मौजूद थे.