


इससे करीब 50 घरों के परिवार सीधे प्रभावित होंगे. ग्रामीणों ने चिंता जताई कि इस स्थिति में आपातकालीन परिस्थिति में एम्बुलेंस या अन्य वाहन भी घरों तक नहीं पहुंच पाएंगे. महिलाओं ने कहा कि यह मैदान अब तक स्थानीय बच्चों के खेलकूद और सामाजिक आयोजनों का केंद्र रहा है. यहां के लोग इसे अपने आंगन के समान मानते हैं. लेकिन स्टेडियम निर्माण से न केवल बच्चों की खेल गतिविधियों कि आजादी प्रभावित होंगी, बल्कि पास स्थित दुर्गा मंडप और प्राथमिक विद्यालय का अस्तित्व भी खतरे में पड़ सकता है. ग्रामीणों ने विधायक से स्टेडियम निर्माण को किसी अन्य उपयुक्त स्थान पर स्थानांतरित करने या कम से कम वैकल्पिक रास्ता उपलब्ध कराने की मांग की.
उन्होंने आरोप लगाया कि क्षेत्र के कुछ स्थानीय बिचौलिया किस्म के लोग ठेकेदारी के लालच में इस निर्माण का समर्थन कर रहे हैं, जो गांव के हित में नहीं है. विधायक रामचन्द्र सिंह ने ग्रामीणों की बातें गंभीरता से सुनीं और कहा कि स्टेडियम को अन्य स्थान पर स्थानांतरित करना संभव नहीं है, लेकिन अधिकारियों से बात कर खेल मैदान के आसपास आवागमन के लिए वैकल्पिक रास्ता सुनिश्चित कराएंगे. उन्होंने भरोसा दिलाया कि किसी भी परिस्थिति में ग्रामीणों के आने-जाने या आपातकालीन सेवाओं में बाधा नहीं आने दी जाएगी. विधायक के आश्वासन से असंतुष्ट महिलाओं ने कहा कि हम अपनी मांगों पर अड़े रहेंगे और मुख्यमंत्री के पास अपनी गुहार लगाएंगे. इस दौरान वार्ड सदस्य गीता सिंह, अर्जुन विश्वकर्मा, मयंक विश्वकर्मा, उत्तम वर्मा, श्यामली शर्मा, शोभा देवी, सीमा देवी, मालती देवी समेत कई ग्रामीण मौजूद थे.