सरकारी उदासीनता के कारण प्रज्ञा केंद्र संचालकों की स्थिति बदहाल: रितेश महलका
बैठक 11 नवंबर को
लातेहार। प्रज्ञा केंद्र यूनियन (JRPKSU) के प्रदेश महासचिव रितेश महलका ने शुभम संवाद.कॉम से बात करते हुए कहा कि राज्य में हजारों की संख्या में प्रज्ञा केंद्रों का संचालन हो रहा है. राज्य के तकरीबन सभी ग्राम, पंचायत और शहरों में यह प्रज्ञा केंद्र स्थापित है. इन प्रज्ञा केंद्रों में समाज के अंतिम व्यक्ति तक केंद्र और राज्य सरकारों की कई योजनाओं का संचालन किया जाता है. लेकिन सरकारी उदासीनता के कारण आज कई प्रज्ञा केंद्र बंद हो गये और कई बंद होने के कगार में है. जो भी प्रज्ञा केंद्र अभी चालू है, उनके संचालक किसी तरह जीवन यापन कर रहे है. महलका ने आगे बताया कि लोग लाखों रुपए लगाकर केंद्र खोलते है. जिसमें सिर्फ सरकार के पोर्टल से आईडी और पासवर्ड मिलता है. उसके बाद महीने का इंटरनेट से लेकर बिजली, स्टाफ, दुकान का किराया खर्च करते है और इसी केंद्र पर अपना और अपने परिवार का भरण पोषण भी होता है. लेकिन आज सरकार की उदासीन रवैया के कारण हमलोग का बुरा हाल हो गया है. सरकार कुछ सुनने को तैयार नहीं. सरकार की जब कोई योजना आती है तो कम समय में टारगेट पूरा करना होता है. आयुष्मान कार्ड, श्रमिक कार्ड, मइयां सम्मान योजना इत्यादि में दिन रात मेहनत करके टारगेट को पूरा की जाती है. लेकिन भुगतान महीनों बाद मिलता है, वो भी बार-बार दबाव बनाने के बाद. ऐसे में प्रज्ञा केंद्र संचालकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. महलका ने सरकार से इस दिशा में पहल करने का आग्रह किया है ताकि प्रज्ञा केद्र संचालक सुचारू रूप से केंद्र का संचालन कर सकें.
बैठक 11 नवंबर को
रितेश महलका ने बताया कि लातेहार जिले के दोनों विधानसभा लातेहार व मनिका में 13 नवंबर को मतदान होना है. इसी क्रम में 11 नवंबर को प्रज्ञा केंद्र संचालक यूनियन की अहम बैठक होनी है. इस बैठक में दोनों विधानसभा के करीब 600 संचालकों के भाग लेने की संभावना है. उन्होने कहा कि प्रज्ञा केंद्र संचालक (VLE) की ग्राम स्तर पर अपनी एक अलग पहचान है. ग्रामीणों का एक बड़ा वर्ग इनसे जुड़ा है. 2019 के चुनाव में प्रदेश कमिटी के आह्वान पर पूरे झारखंड में यूनियन ने झारखंड मुक्ति मोर्चा को समर्थन दिया था. बैठक में उपरोक्त बाबत कोई निर्णय लिया जायेगा.



