झारखंड
जान जोखिम में डाल कर लोध फॉल देखने पहुंच रहे हैं पर्यटक


मो अली राजा
लातेहार। जिले के महुआडांड़ प्रखंड क्षेत्र में भारी बारिश के कारण झारखंड के सबसे ऊंचा जलप्रपात लोध फॉल पिछले एक सप्ताह से बंद है. प्रवेश द्वार पर चैन लगा दिया गया है. पर्यटक स्थल तक जाने वाले रास्ते की रेलिंग बारिश से टूट चुकी है. जिससे आवागमन में खतरा बढ़ गया है. फॉल के ऊपर बना हुआ वुडेन पुल रेलिंग क्षतिग्रस्त है. लोध फॉल पर्यटकों के लिए बंद होने के बावजूद पर्यटकों का लोध फॉल तक आना नही रूक रहा है.

हर रोज पर्यटको के सैकड़ो वाहन यहां आ रहें है. ऐसे में पर्यटकों की इंट्री नही हो पा रही है. फाॅल तक पहुंचने से पहले का गेट बंद होने के बाद भी पर्यटक गेट के बगल से होकर जान जोखिम में डाल तक फॉल तक पहुंच रहे है. क्षेत्र में हर रोज हो रही बारिश के चलते फॉल एवं नदी का बहाव तेज है. रास्ते भी असुरक्षित हो गए हैं. ऐसे में अगर किसी पर्यटक के साथ कोई हादसा होता है तो इसका जिम्मेवार कौन होगा.

फॉल की जिम्मेदारी वन विभाग के इको विकास समिती और पर्यटक मित्र के हाथों में है. हांलकि इको विकास समिती द्वारा गेट पर नोटिस लगा दिया गया है कि कोई हादसा होने के बाद इसके जिम्मेवार पर्यटक खुद होंगें. पर्यटक मित्र सदस्य कहते है, कि पर्यटकों को हमलोग फाॅल तक जाने से रोक रहे है. बावजूद इसके पर्यटक फाॅल तक पहुंच जा रहे हैं. हांलाकि सोमवार से इको विकास समिती एवं वन विभाग के द्वारा टूटे रेलिंग की मरम्मत कराई जा रही है. ऐसे उम्मीद है कि जल्द ही पर्यटकों के लिए लोध फॉल पूरी तरह खोल दिया जाएगा.



