लातेहार
घर परिवार व व्यवसाय छोड़ कर एक माह तक कांवरियों की सेवा की रामनाथ अग्रवाल व उनके परिवार ने
कावंरियों की सेवा कर अपार सुख की अनुभूति हो रही है: रामनाथ अग्रवाल


आशीष टैगोर
लातेहार। अपना घर-बार और व्यवसाय को छोड़ कर पूरे एक माह किसी शिविर में रह कर कावंंरियों की सेवा करना आसान नहीं है. इसके लिए दृढ़इच्छा शक्ति, आत्मबल तथा नि:स्वार्थ सेवाभाव की जरूरत होती है.लेकिन लातेहार के रामनाथ अग्रवाल और उनकी संस्था आलोक मोहन सेवा स्मृति आश्रम के सेवादारों ने इसे पूरा कर दिखाया है. वह भी एक बार नहीं पिछले दस वर्षों से पूरे परिवार के साथ शिविर में रह कर कावंरियों की सेवा कर रहे हैं. बुधवार ( छह अगस्त) को शिविर का समापन किया गया. आलोक मोहन स्मृति सेवा आश्रम के सेवादार बाबा नगरी देवघर जाने वाले कावरिंयों की सेवा के लिए शिविर लगायी थी.

यह शिविर बाबा दरबार से पांच किलोमीट पहले कावरिंया पथ में सरासनी ग्राम में लगाया गया था. शिविर में कावंरियों के लिए कई प्रकार की सुविधायें दी गयी. सुबह पांच से बजे से संस्था के स्वयंसेवक इस कार्य में लग जाते थे, जो रात के 11 बजे तक चलता था. सुबह पांच बजे से पानी, चाय व अल्पाहार की व्यवस्था की गयी. नौ बजे से 11 बजे तक रामायण व महाभारत धारावाहिक का सीधा प्रसारण किया गया. 11 बजे से दो बजे तक भगवती जागरण व झांकी प्रस्तुत की जाती रही. संध्या में भी यह कार्यक्रम हुआ. दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक भंडारा चलाया गया.

भंडारे में प्रतिदिन काफी संख्या में कांवरियों ने भाग लिया. हर कावंरियों ने इस शिविर की मुक्त कंठ से प्रशंसा की. इसके अलावा कावरिंंयों के लिए मेडिकल की भी सुविधा दी गयी. संस्था के सेवादार स्वयं कावंरियों की मालिश और मसाज किया. उनके पैर के घावों में मलहम व पट्टी की. संस्था के संस्थापक रामनाथ अग्रवाल तथा संयोजक श्याम अग्रवाल व अमीत किशोर अग्रवाल ने बताया कि कावंरियों की सेवा कर जो आनंद व संतोष की अनुभूति होती है, उसे शब्दों में बंया नहीं किया जा सकता है. सिर्फ पुरूष ही नहीं, श्री अग्रवाल के घर की महिलायें भी पूरे एक माह शिविर में रह कर कावंरियों की सेवा करती हैं. उनके इस कार्य में उनके घर के अन्य लोग व रिस्तेदारों का भी भरपूर सहयोग मिलता है.




