झारखंड गठन के बाद अब तक का सबसे अधिक मतदान प्रतिशत रहा लातेहार व मनिका में
जिला प्रशासन का प्रयास रंग लाया, मतदाता निकले घरों से

Ashish Tagore
Latehar: साल 2000 में झारखंड बिहार से अलग हो कर एक नये राज्य के रूप में अस्तित्व में आया. मतलब कि झारखंड को बिहार से पृथक हुए 24 साल हो गये. इन 24 सालों में झारखंड में अब तक चार विधानसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं. यह पहला अवसर है जब लातेहार विधानसभा में तकरीबन 70 (69.88%) प्रतिशत और मनिका विधानसभा क्षेत्र में 66.71 प्रतिशत तदान हुआ है. यह अब तक सर्वाधिक मतदान प्रतिशत है. इससे पहले लातेहार विधानसभा सबसे सर्वाधिक 67.44 प्रतिशत वर्ष 2019 के विधानसभा के चुनाव में दर्ज किया गया था. आंकड़ें बताते हैं कि साल 2014 में 66.17 प्रतिशत, 2009 में 61.21 प्रतिशत और 2005 में 57.21 प्रतिशत मतदान रिकार्ड किया गया था. हालांकि अविभाजित बिहार में अंतिम बार साल 2000 में मतदान हुआ था और इस चुनाव में मात्र 16.97 मतदान ही हो पाया था. जबकि मनिका विधानसभा क्षेत्र में इससे पहले साल 2019 के विधानसभा चुनाव में 63.09 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था. जबकि 2014 में 59.77 प्रतिशत, 2009 में 55.60 प्रतिशत, 2005 के चुनावों में 57.21 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था. अविभाजित बिहार में अंतिम बार हुए चुनाव में साल 2000 में मनिका विधानसभा क्षेत्र में 34.34 प्रतिशत मतदान हुआ था.
लातेहार में 2.44 और मनिका में 2.81 प्रतिशत मतदान अधिक हुआ
साल 2019 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले इस 2024 के विधानसभा चुनाव में लातेहार विधानसभा क्षेत्र में 2.44 प्रतिशत मतदान अधिक दर्ज किया गया है. गत चुनाव में कुल 269835 मतदाताओं में से कुल 1,81,967 मतदाताओं ने मतदान किया था. मनिका विधानसभा चुनाव में गत चुनाव में 238041 मतदाताओं में से 1,50,190 मतदाताओं ने वोट किया था. कहना गलत नहीं होगा कि उपायुक्त उत्कर्ष गुप्ता और पुलिस अधीक्षक कुमार गौरव के संयुक्त प्रयासों से ही यह संभव हो पाया है. मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए उपायुक्त के निर्देश पर स्वीप कोषांग के द्वारा लगातार कार्यक्रम किये गये. कई मतदाता जागरूकता रैलियां की गयी. उपायुक्त ने तो कई कार्यक्रमों में खुद भाग लिया और मतदाताओं से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात कर उन्हें मतदान के लिए प्रेरित किया.
उपायुक्त उत्कर्ष गुप्ता ने कहा कि बेहतर चुनाव प्रतिशत सामुहिक प्रयास से ही संभव हो सका है. इसमें मीडिया और विभिन्न राजनीतिक दल व आम नागरिकों की अहम भूमिका रही है. उन्होने निर्वाचन कार्य में लगे सभी कोषांगों के पदाधिकारी व कर्मियों के भूमिका की भी सराहना की और कहा कि बिना टीम वर्क के यह परिणाम आना संभव नहीं था. उपायुक्त ने मतदान कार्य में लगे सभी पदाधिकारी व कर्मियों के अलावा सुरक्षा बलों को भी धन्यवाद दिया और उनके कार्यों की सराहना की. सबसे बड़ी बात यह कि मतदाता अपने घरों से निकले और मतदान किया. उन्होने मतदाताओं के प्रति भी आभार प्रकट किया.
स्वीप कोषांग के नोडल पदाधिकारी सह जिला जनसंपर्क पदाधिकारी डा चंंदन ने भी मतदान प्रतिशत बढ़ाने में अपनी ओर से कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. उन्होने कम मतदान प्रतिशत वाले 15 मतदान केंद्रों में लगातार कार्यक्रम आयोजित किये. नगाड़ा बजाओ मतदाता बुलाओ जैसे कार्यक्रम चलाये. गांव व टोलों में जा कर मतदाताओं को मतदान करने के लिए प्रेरित किया. स्कूल व कॉलेजों में कार्यक्रम आयोजित किये. रात्रि चौपाल लगा कर मतदाताओं को प्रेरित किया. डीपीआरओ ने कहा कि उपायुक्त महोदय के निर्देश पर स्वीप कोषांग के द्वारा कार्यक्रम आयोजित किये जाते रहे और इसी का यह परिणाम है.



