


उन्होने कहा कि सरकार अगर ठोस कानून बना कर गंभीरता से रैयतों के जमीन के समस्याओं का समाधान नहीं करती है और वह हिंसा इस राज्य में भी देखने का मिल सकती है. पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में उन्होने कहा कि झारखंड की ब्यूरोक्रेट्स सरकार के कंट्रोल के बाहर है. कहने को तो बहुमत की सरकार है,लेकिन यह सरकार बहुत कमजोर है. उन्होने कहा कि पिछली सरकार में ब्यूरोक्रेट्स जन प्रतिनिधि की बात सुनते थे, लेकिन आज की सरकार में ये विधायक तो क्या सांसद की बात भी नहीं सुन रहे हैं.
बता दें कि गत शनिवार को श्री महतो पलामू में आयोजित एक कार्यक्रम में भाग ले कर रांची लौट रहे थे. इस दौरान होटवाग ग्राम के पास युवकों ने उनका स्वागत किया. इस मौके पर विधायक ने होटवाग में जेकेएलएम के कार्यालय का भी उदघाटन किया. 