साल 1970 से महंत मुनी दास जी महाराज ने यह जिम्मेवारी संभाली. दिवगंत मुनी दास जी प्राचीन शिव मंदिर के पुजारी मनोज दास शर्मा जी के पिता थे. पुजारी मनोज दास ने आगे बताया कि साल 1994 तक बाजारटांड़ परिसर से ही रथ यात्रा निकाली गयी. यहां से भगवान जगन्नाथ, माता सुभद्रा व बलभद्र के विग्रहों को रथों पर आरूढ़ कराकर यह यात्रा निकाली जाती थी. नगर भ्रमण के बाद तीनों विग्रहों को धर्मपुर के मौसीबाड़ी ले जाया जाता था. नौ दिनों के बाद तीनों विग्रहों को पुन: बाजारटांड़ प्राचीन शिव मंदिर में लाया जाता था.
