लातेहार
झारखंड प्रदेश आंगनबाड़ी वर्कर्स यूनियन ने दिया दिवसीय धरना

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लातेहार। आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने, सेवानिवृत्ति के उपरांत एक मुस्त पांच लाख रूपये आर्थिक लाभ एवं मानदेय का आधा पेंशन देने की मांग को ले कर झारखंड प्रदेश आंगनबाड़ी वर्कर्स यूनियन के तत्वावधान मे जिले के आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका ने सोमवार को जिला मुख्यालय में धरना दिया. धरने में भारत सरकार द्वारा लागू एफआरएस प्रणाली में सुधार करने एवं आंगनबाड़ी सेविका को बीएलओ कार्य से मुक्त करने की मांग की गयी.

धरना में प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष बालमुकुंद सिंन्हा ने कहा कि दो अक्टूबर 1975 से आंगनबाड़ी की स्थापना की गई है. आज पूरे भारत में सभी जिलों में आंगनबाड़ी केन्द्र चल रहे हैं. आज देश में 26 लाख सेविका व सहायिका एवं झारखंंडमें 36,500 आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका कार्यरत हैं. उन्होने बताया कि इन सेविका व सहायिका को 62 वर्ष पूरा होने पर दुध में मक्खी की तरह निकाल कर फेंक दिया जा रहा है. इन्हें एक रूपया भी सेवानिवृति का लाभ नहीं दिया जा रहा है.

यह अत्यन्त ही पीड़ादायक है. कई बार झारखंंड सरकार एवं केन्द्र सरकार के समक्ष आवाज उठाई गई, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. धरना में प्रतिवर्ष जुलाई में सेविका को 1000 रूपये तथा सहायिका को 500 रूपये वृद्धि करने, आंगनबाड़ी सेविका से ही पर्यवेक्षिका पद पर नियुक्त करने, सहायिका से सेविका के पद पर पदोन्नति करने एवं उम्र सीमा हटाने की मांग की गयी. मौके पर उपस्थित प्रदेश संयोजक रामचंद्र पासवान, संगठन सचिव गैलरिया टुडू, कोषाध्यक्ष पुष्पा देवी, प्रदेश अध्यक्ष वीणा सिंन्हा समेंत जिले की सभी आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका उपस्थित थे.





