Latehar: चतरा सांसद कालीचरण सिंह ने नई दिल्ली में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात की. इस दौरान उन्होने बिहार के गया स्थित परैया से लातेहार जिला के बालूमाथ तक नई ब्रॉड गेज रेल लाइन की डीपीआर एवं डीई की त्वरित स्वीकृति दिलाने की दिशा में पहल करने का आग्रह किया. उन्होने बताया कि पूर्व मध्य रेलवे के परैया (गया) से बालूमाथ तक 123.409 किमी लंबी नई ब्रॉड गेज रेल लाइन हेतु विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) एवं विस्तृत अनुमान (डीई) तैयार कर लिया गया है.
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इस परियोजना में शेरघाटी एवं चतरा होते हुए रेल संपर्क प्रस्तावित है. इसके अलावा चार लाइन (डीएफएन डीएन लाइन) से प्रस्तावित परैया-बालूमाथ रेल लाइन (8.148 किमी) तथा कसथा (4.950 किमी) एवं बालूमाथ के बुकरू (4.626 किमी) पर वाय कनेक्शन का भी समावेश किया गया है. सांसद कालीचरण सिंह ने इस प्रस्तावित परियोजना को सामाजिक एवं आर्थिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण बताया है. रेल मंत्री से उन्होंने बताया कि प्रस्तावित रेल लाइन क्षेत्र कोयला उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है. नई रेल लाइन से कोयला सहित अन्य माल ढुलाई में वृद्धि होगी, जिससे भारतीय रेल को अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा. झारखंड और बिहार के पिछड़े एवं वंचित क्षेत्रों को मुख्य रेलवे नेटवर्क से जोड़ा जा सकेगा. इससे क्षेत्र में आर्थिक विकास को नई गति मिलेगी. उन्होने बताया कि गया, शेरघाटी एवं चतरा जैसे महत्वपूर्ण धार्मिक, पर्यटन एवं व्यापारिक केंद्रों को सुगम रेल संपर्क प्रदान किया जा सकेगा. जिससे पर्यटन एवं व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा.
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महत्वपूर्ण कड़ी ये है कि यात्री परिवहन की सुविधा बढ़ने से स्थानीय नागरिकों को पटना, गया, रांची, धनबाद एवं अन्य प्रमुख नगरों तक आसान एवं सुरक्षित यात्रा विकल्प उपलब्ध हो सकेगा. इस रेल लाइन के बनने से आंतरिक सुरक्षा की दृष्टि से भी अहम है. क्योंकि यह नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रेलवे की पहुंच को सुदृढ़ करेगी. रेल मंत्री को सांसद ने बताया कि प्रस्तावित परियोजना 6846.76 करोड़ रूपये की लागत से, जिसका वित्तीय विश्लेषण एफआईआरआर 4.71% एवं ईआईआरआर 12.95% के साथ किया गया है. वित्तीय सलाहकार एवं पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक द्वारा अनुमोदित किया जा चुका है. मुलाकात के बाद सांसद कालीचरण सिंह ने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि रेल मंत्री इस परियोजना की शीघ्र स्वीकृति प्रदान करेंगे. इससे क्षेत्रीय विकास को नई गति मिलेगी और स्थानीय लोगों को बेहतर परिवहन सुविधा उपलब्ध हो सकेगा.