लातेहार
फाइलेरिया उन्मूलन अभियान में जन-सहभागिता जरूरी: रामचन्द्र सिंह

लातेहार। जिले में फाइलेरिया उन्मूलन हेतु एमडीए-आईडीए 2025 के तहत रविवार को सदर अस्पताल परिसर में आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन मनिका विधायक रामचन्द्र सिंह, उपायुक्त उत्कर्ष गुप्ता जिप सदस्य विनोद उरांव एवम अन्य जनप्रतिनिधियों के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया. मौके पर विधायक और उपायुक्त ने फाईलेरिया रोधी दवा का सेवन कर लातेहार जिला को फाईलेरिया मुक्त बनाने की अपील की. इस दौरान कार्यकम को संबोधित करते हुए विधायक श्री सिंह ने कहा कि हमें अपने जिले से ही नहीं बल्कि इस देश से भी फाइलेरिया रोग का समूल नाश करने के लिए अभियान के दौरान आपके घर पर आने वाले स्वास्थ्य कर्मी के सामने ही दवा का सेवन करना है. लातेहार जिला में कुल 792854 जनसंख्या को इस वर्ष फाइलेरिया रोधी दवा खिलाकर आच्छादित किए जाने का लक्ष्य रखा गया है. स्वास्थ्यकर्मी घर-घर जाकर लोगों को फाइलेरिया रोग के बारे में जागरूक करेंगे. अपने सामने दवा खिलाएंगे और किसी भी स्थिति में दवा का वितरण नहीं किया जाएगा. यह दवा आपको फाइलेरिया रोग से सुरक्षित रखेगी. इसको खाना है, फेंकना नहीं है. दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती और अति गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को यह दवाएं नहीं खिलाई जाएंगी.

उपायुक्त श्री गुप्ता ने कहा कि 10 से 25 अगस्त तक लातेहार जिला के स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों के द्वारा लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा खिलाई जायगी. कार्यक्रम के पहले दिन 10 अगस्त को स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा बूथ पर लोगों को फाईलेरिया रोधी दवा डीईसी, एलबेंडाजॉल एवं आइभरमेक्टिन की खुराक खिलायी जाएगी. फाईलेरियारोधी दवा खिलाने के लिए जिले में कुल 1081 बूथ बनाया गया है. जिला में कुल लक्षित आबादी 792854 लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है जिसके लिए कुल 2162 दवा प्रशासकों का टीम बनाया गया है. 11 से 25 अगस्त तक स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा घर-घर जाकर छूटे हुये व्यक्तियों को फाईलेरिया रोधी दवा की खुराक अपने सामने खिलायी जाएगी. जिसके लिए 126 सुपरवाइजर इस फाइलेरिया विलोपन कार्यक्रम (MDA-IDA 2025) का सुपरविजन करेंगे. यह कार्यक्रम लातेहार जिला के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों को मिलाकर कुल 849 गांव में दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है.

उपायुक्त के द्वारा जिलावासियों से अनुरोध किया गया कि अभियान के दौरान फाइलेरिया से बचाव की दवा अवश्य खाएं एवं अपने परिवार के सभी लोगों को दवा खिलाना सुनिश्चित करें.
सिविल सर्जन के द्वारा फाइलेरिया बीमारी और इस कार्यक्रम के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया. फाइलेरिया यानी हाथी पांव एक बहुत ही खतरनाक बीमारी है यह दुनिया में विकलांगता का दूसरा सबसे बड़ा कारण है यह बीमारी मादा संक्रमित क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फैलती है इसके परजीवी बिना किसी लक्षण के भी आपके शरीर में लंबे समय तक रह सकते हैं और संक्रमित व्यक्ति स्वस्थ दिखते हुए भी इस रोग को दूसरे लोगों तक फैला सकते हैं. साल में एक बार MDA-IDA अभियान के दौरान फाइलेरिया से बचाव की दवा खाकर इस बीमारी से बचा जा सकता है हमारे जिले में 10 से 25 अगस्त 2025 तक MDA-IDA अभियान चलाया जाएगा. आगे उन्होंने बताया कि फाईलेरियारोधी दवा का सेवन खाली पेट नहीं करें. दो वर्ष से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिलाएं एवं गंभीर बीमारी से ग्रसित व्यक्ति फाईलेरिया रोधी दवा का सेवन नहीं करें. फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम आइडीए-एमडीए 2025 के तहत सदर अस्पताल परिसर से विधायक रामचन्द्र सिंह, उपायुक्त उत्कर्ष गुप्ता के द्वारा हरी झंडी दिखाकर जागरूकता वाहन को रवाना किया गया. मौके पर सांसद प्रतिनिधि (स्वास्थ्य) डॉ चंदन सिंह, विधायक प्रतिनिधि हरिशंकर यादव, डीआरडीए निदेशक प्रभात रंजन चौधरी, सिविल सर्जन डॉ. राज मोहन खलखो, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ चंदन, जिला कुष्ट निवारण पदाधिकारी डॉ शोभना टोप्पो, राज्य सलाहकार विनय कुमार, डब्लूएचओ झारखंड, रांची डॉ मनोज कुमार, सदर अस्पताल के चिकित्सक आदि के उपस्थित थे.



