


उन्होने आगे कहा कि झारखंड के तत्कालीन राजाओं ने अंग्रेजो को भगाने के लिए कई युद्ध किये. 1855 में एक क्रांति हुई थी जिसमें 15 हजार लोग शहीद हुए थे. भारत की वीरागंंनायें और झारखंड का इतिहास विषय पर बोल रहे थे. फूलो झानो जैसी वीरागंनायें अंग्रेजों के लड़ाई लड़ी. भारत पर जब अंग्रेजों का शासन था उस काल में परम्परा और रूढ़िवादी सोच को पीछे छोड़ते हुए फूलो और झानो ने अंग्रेज़ी शासन के अत्याचारों के विरुद्ध विद्रोह किया. 1772 में मुकुल सिंह और बाद में बिरसा मुंडा ने अंग्रेजी हुकुमत के खिलाफ आंदोलन किया.
