

लातेहार। इस्कॉन, लातेहार के तत्वावधान में रविवार को शहर के श्री वैष्णव दुर्गा मंदिर परिसर में नंद उत्सव का आयोजन किया जायेगा. कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता मधुसूदन मुकुंद दास (जेनरल मैनेजर, इस्कॉन, रांची) ने लोगो को संबोधित करते हुए कहा कि आत्मा का भगवान से जुड़ना ही योग है. उन्होने का कहा कि अक्सर आत्मा संसार में भगवान से अलग हो कर आनंद लेना चाहती है.

लेकिन होता उल्टा है. जीवन निरर्थक हो जाता है. उन्होने कहा कि जब तक आत्मा भगवान से नहीं जुड़ेगी, जीवन मे सच्चा आनंद नहीं ले सकते हैं. उन्होने एक उदाहरण देते हुए कहा कि अगर शरीर से कोई अंगुली अलग हो जाये तो उसका कोई महत्व नहीं है. अंगुली का महत्व तभी तक है जब तक वह शरीर से जुड़ी है. श्री दास ने आगे कहा कि इसीलिए भगवान श्री कृष्ण ने गीता में कर्मयोग, ध्यानयोग, भक्तियोग आदि की बातें कही है. उन्होने कहा कि योग का मतलब जुड़ना होता है.


श्री दास ने देवता इंद्र का प्रसंग का वर्णन करते हुए कहा कि जब इंद्र देव ने लगातार विनाशकारी बारिश कर रहे थे तो सात साल के भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी बांयी हाथ की कनिष्ठ अंगुली से गोर्वद्धन पर्वत उठा लिया था. उन्होने सात दिन सात रात तक पहाड़ को अपनी अंगुली पर उठा रखा था. बाद में इंद्र को भगवान श्री कृष्ण से माफी मांगनी पड़ी थी. इससे पहले कार्यक्रम में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया और प्रसाद का वितरण किया गया. मौके पर स्टॉल भी लगाया गया था. इस अवसर पर अशोक कुमार महलका, अभिनंदन प्रसाद, निर्मल कुमार महलका, दिनेश कुमार महलका, सिमरन महलका, अनोखी जया, दुर्गा प्रसाद, राजेश्वर प्रसाद, संतोष दुबे, जीतेंद्र कुमार, परितोष ठाकुर आदि मौजूद थे.




