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राज्‍यलातेहार

ढाई घंटे में साइकिल से रांची से लातेहार पहुंचे सूत्तव ऋजु

देश के लिए ओलंपिक मेडल जीना लक्ष्‍य है सूत्तव ऋजु का

  • उम्र 14 वर्ष, कारनामा ऐसा जान सोचने पर हो जाएंगे मजबूर

  • महज आठ वर्ष की उम्र में वे पलामू से बेतला पहुंच गए थे अपनी स्पोर्टस साइकिल से

  • साइकलिंग के राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में अभी तक पांच गोल्ड मेडल जीत चुके हैं ऋजु

    लातेहार। सूत्तव ऋजु बोराल महज 14 वर्ष के उम्र में उन्होंने कई कारनामे कर दिखाये हैं. महज आठ वर्ष के उम्र में 18 किमी यात्रा कर पलामू से बेतला पहुंच गए थे. अभी तक ऋजु पांच स्वर्ण पदक स्टेट लेवल पर जीत चुके हैं. गंगोत्री से गंगाजल उठा साईकिल से दो हजार किमी की दूरी तय कर देवघर पहुंच बाबा पर जलार्पण कर चुके हैं. इतना ही नहीं उनके इस कार्य के लिए 2025 में इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स उनका नाम भी दर्ज हो चुका है.

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  • पलामू जाने के क्रम में लातेहार में रूक सूत्तव ऋजु

सूत्तव ऋजु गुरूवार को राजधानी रांची से पलामू जा रहे थे, तभी वे कुछ समय के लिए लातेहार में रूके. उनके रूकते ही उनके पास लोगों की भीड़ जमा हो गयी. पत्रकारों ने उनसे सवाल पूछा की क्या आप साइकिल से ही पलामू जा रहे हैं तो उन्होंने कहा कि जी हां, मैं साइकिल से ही पलामू जा रहा हूं. पूछने पर उन्होंने कहा कि रांची से लातेहार आने में ढाई घंटे के करीब लगा है. सूत्तव ऋजु ने इसका प्रमाण दिया और अपने साइकिल में लगे डिजिटल मीटर दिखा दिया. लोगों को यकीन हुआ और वहां मौजूद लोगों ने सूत्तव ऋजु की प्रशंसा की. सूत्तव ऋजु के साथ उनके माता पिता भी साथ चल रहे थे.

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कौन है सूत्तव ऋजु
सूत्तव ऋजु पलामू जिले के रहने वाले हैं.  उनके पिता पलामू जिले के जाने माने फोटोग्राफर है उनका नाम सौमित्रो बोराल है एवं उनकी माता का नाम शालिनी बोराल है. ये दोनो राज्य सरकार के कर्मचारी है. सूत्तव ऋजु की उम्र अभी महज 14 साल है और राजधारी रांची के एएस टीवीएस जिला स्कूल के नौ वीं कक्षा के छात्र हैं. वे रोजाना खेलगांव में साइकिलिंग का प्रैक्टिस करते हैं. इस दौरान उनके माता पिता भी मौजूद रहते हैं.

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ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने का है सपना
सूत्तव ऋजु ने पत्रकारों को बताया कि उनका सपना ओलंपिक में देश के लिए गोल्ड मेडल जीतना है. इसी लक्ष्य के साथ वे लगातार प्रैक्टिस करते रहते है. अभी तक वे राज्य स्तरीय विभिन्न प्रतियोगिताओं में पांच गोल्ड मेडल जीत चुके है. सूत्तव ऋजु के पिता ने बताया कि जब बेटा आठ साल के उम्र में साईकिल से बेतला जाने के लिए निकला तो मैं भी उसके पीछे पीछे चल पढ़ा और उसका हौसला बढ़ाया.

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Nihit

निहित कुमार, नगर संवाददाता, शुभम संवाद, लातेहार

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निहित कुमार, नगर संवाददाता, शुभम संवाद, लातेहार

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