


13 सदस्य जिला कमेटी का गठन किया गया. जिसमें सचिव बिरजू राम ,गोपाल प्रसाद, दुर्गा सिंह, संतोष सिंह, मुनेश्वर सिंह ,धनेश्वर सिंह ,नागेंद्र राम, राजेंद्र सिंह, मंजू देवी, डॉक्टर रमेश कुमार, कृष्ण सिंह, बेंजामिन कुजूर शामिल हैं. मुख्य अतिथि कॉमरेड मुनेश्वर बेदिया ने अपने संबोधन में कहा कि जिले में पलायन, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार चरम पर हैं. शिक्षा, स्वास्थ्य एवं भूमि संबंधी मामलों में गंभीर त्रुटियां हैं. इन ज्वलंत मुद्दों को सुधारने के लिए सरकार की ओर से कोई ठोस पहल नहीं हो रही है. उन्होंने कहा कि आम जनता की समस्याओं की अनदेखी कर सरकार केवल घोषणाओं तक सीमित है.
पर्यवेक्षक कॉमरेड देवकीनंदन बेदिया ने कहा कि लातेहार खनिज संपदा से परिपूर्ण जिला है. यदि सरकार ठोस योजना बनाए तो छोटे-बड़े उद्योग और फैक्ट्री खोलकर रोजगार उपलब्ध कराए जा सकते हैं, जिससे पलायन की समस्या काफी हद तक खत्म हो जाएगी. लेकिन वर्तमान में स्थिति जस की तस बनी हुई. केवल खनिज संपदा का दोहन हो रहा है, जबकि ग्रामीण विकास के मामले में स्थिति चिंताजनक है. उन्होंने आगे कहा कि वन पट्टा एवं पेशा कानून की जानकारी के अभाव में जंगलों में रहने वाले आदिवासी व ग्रामीण शोषण का शिकार हो रहे हैं.
सम्मेलन को संबोधित करते हुए कॉमरेड बिरजू राम ने कहा कि जिले में दो डिग्री कॉलेज के भवन तो बनकर तैयार हैं, लेकिन वहां पढ़ाई समुचित रूप से शुरू नहीं हो सकी है. एक अन्य डिग्री कॉलेज की स्थिति भी दयनीय है. यह शिक्षा व्यवस्था की उपेक्षा का स्पष्ट प्रमाण है. सम्मेलन में दर्जनों कार्यकर्ताओं ने भाग लिया और क्षेत्र की समस्याओं पर गंभीर चर्चा हुई. निर्णय लिया गया कि भाकपा (माले) आम जनता के मुद्दों को लेकर संघर्ष तेज करेगी.