

महुआडांड़ (लातेहार)। साले पारिष मे दक्षिणी भिखारिएट युवा क्रिसमस गैदरिंग धूमधाम से मनाया गया। प्रोग्राम की शुरूआत मिस्सा पूजा के द्वारा हुई। अशोक नगेशिया मुख्य अतिथि रहे। उन्होंने अपने सन्देश मे येसु मसीह के जन्म के महत्व को बताया। कहा कि वे स्वर्ग से शान्ति प्रेम दया और क्षमा लेकर आए। खुशी और शान्ति सारे मानवजाति के लिए था। छेछाड़ी के नौ पल्ली के युवक युवतियाँ करीब 500 से अधिक संख्या मे आए थे। मिस्सा के बाद रंगारंग कार्यक्रम हुआ।

फादर दिलीप, फादर सुरेश, रोशन केरकेट्टा, मुकतलाल, दिगेशवर भोकता, अरोकया राज, सिस्टर सुनिता समद, रेटिना, मरियम, नूतन और खपरतला के मुखिया राजेश टोप्पो उपस्थित थे। क्रिसमस गैदरिंग धूमधाम से मनाया गया। भारी संख्या में ख्रीस्तीय समुदाय के लोग उपस्थित थे। फादर अपने संदेश में कहा कि क्रिसमस का त्योहार हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है। यह केवल एक धार्मिक पर्व ही नहीं, बल्कि प्रेम, शांति और भाईचारे का संदेश देने वाला अवसर भी है।

यह वह दिन है जब ईसाई समुदाय प्रभु यीशु मसीह के जन्म का उत्सव मनाता है। लेकिन, क्रिसमस का अर्थ केवल ईसाई धर्म तक सीमित नहीं है। यह त्योहार हर मानव जाति के लिए जीवन में सकारात्मकता और मानवता के मूल्यों को अपनाने की प्रेरणा देता है। आज के इस बदलते युग में, जब समाज अनेक चुनौतियों का सामना कर रहा है. जैसे असमानता, हिंसा, पर्यावरण संकट और नैतिक मूल्यों का पतन. क्रिसमस का संदेश और भी प्रासंगिक हो जाता है। प्रभु यीशु का जीवन हमें सिखाता है कि किस तरह हम प्रेम, सेवा और त्याग के माध्यम से एक बेहतर समाज का निर्माण कर सकते हैं।



