


उन्होने महीनों की कड़ी मेहनत से इस कलाकृति को साकार किया है. पूजा समिति के अनुसार यहां दुर्गा पूजा पिछले 25 वर्षों से पारंपरिक और धार्मिक रीति-रिवाजों के साथ मनाई जा रही है. हर वर्ष यहां काफी संख्या में श्रद्धालु आते है. पंडाल की सजावट, आलोक-सज्जा और मां दुर्गा की प्रतिमा सब कुछ अत्यंत मनमोहक है.
समिति ने सुरक्षा और व्यवस्था के भी पुख्ता इंतजाम किए हैं. सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन की भी तैयारी की जा रही है. यह पंडाल न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है बल्कि स्थानीय कला और संस्कृति का भी शानदार उदाहरण प्रस्तुत करता है. 