

बालूमाथ (लातेहार)। विश्व आदिवासी दिवस के उपलक्ष्य में बालूमाथ के जोगियाडीह स्थित बिरसा मैदान में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें बतौर मुख्य अतिथि प्रखंड विकास पदाधिकारी सोमा उरांव व पुलिस इंस्पेक्टर परमानंद बिरुआ शामिल हुए. सर्वप्रथम जुलूस के शक्ल में बालूमाथ स्थित हाइस्कूल से सैकड़ों की संख्या में झारखंड की संस्कृति के प्रतीक लाल पाड़ साड़ी में पारंपरिक गीत पर थिरकती महिलाएं व विशाल जनसमूह हाथों में तख्तियां लिए जिसपर आदिवासी समुदाय से जुड़े स्लोगन लिखे थे लेकर गाजे बाजे के साथ कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे.

जहां सबसे पहले दिशोम गुरु शिबू सोरेन के सम्मान में दो मिनट का मौन धारण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई. आदिवासी महापुरुषों बिरसा मुंडा, कार्तिक उरांव, वीर बुधु भगत, नीलांबर पीताम्बर व शिबू सोरेन के चित्रों पर मल्यार्पण व पुष्प अर्पित कर आदिवासी समुदाय के लिए उनके योगदान को याद किया गया. मुख्य अतिथि प्रखंड विकास पदाधिकारी सोमा उरांव ने अपने सम्बोधन में कहा कि दुनिया भले जितनी तरक्की कर ले. प्रकृति के पूजक आदिवासियों के कारण ही जल,जंगल, जमीन व पहाड़ का अस्तित्व बचा हुआ है. उन्होंने आदिवासी संस्कृति, सभ्यता को आज के समय सबसे ज्यादा प्रासंगिक बताते हुए उसके संरक्षण के लिए सामूहिक प्रयास कि आवश्यकता पर बल दिया. पुलिस इंस्पेक्टर परमानंद बिरुआ ने कहा कि आदिवासी समुदाय को अपने नवनिर्माण के लिए पुरखों के द्वारा दिए गए बलिदान से प्रेरणा ले कर आगे बढ़ने की जरूरत है.




