
गारू (लातेहार)। गारू प्रखंड में संचालित बागवानी योजना में भारी लापरवाही उजागर हो रही है. अगस्त का अंतिम सप्ताह बीतने को है, लेकिन अब तक किसी भी पंचायत में पौधा लगाने का कार्य शुरू नहीं हो सका है. इससे योजना की पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं और ग्रामीणों में आक्रोश है.

गारू प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में बागवानी योजना स्वीकृत हुई थी. इसमें बारेसाँढ़ पंचायत में 30, करवई में 38, कोटाम में 37, मायापुर में 22, रुद में 25 और धांगर टोला पंचायत में 40 योजनाएँ संचालित हैं. योजनाओं का उद्देश्य ग्रामीणों की आय बढ़ाना और रोजगार उपलब्ध कराना था. लेकिन हकीकत यह है कि पौधा लगाने का मौसम निकल जाने के बावजूद ज़मीन पर एक भी पौधा नहीं दिख रहा है.

ग्रामीणों का आरोप है कि कई योजनाओं में कार्य से अधिक राशि की निकासी कर ली गई है. लोगों का कहना है कि जब धरातल पर पौधे ही नहीं लगे तो खर्च किस पर किया गया. इससे योजनाओं की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं. ग्रामीणों ने इसे सीधी लूट और भ्रष्टाचार करार दिया है.

पहले भी दोहराई गई गलती, 80% पौधे सूख गए थे: तौकीर मियां
झामुमो गारू प्रखंड अध्यक्ष तौकीर मियां बताते हैं कि यह पहली बार नहीं है. पिछले साल भी मौसम निकल जाने के बाद पौधे लगाए गए थे. नतीजा यह हुआ कि समय पर देखभाल और सिंचाई न होने से लगभग 80 प्रतिशत पौधे दो महीने में ही सूखकर मर गए. इस बार भी वही स्थिति बन रही है.

इधर, कई लाभुकों का कहना है कि ,हम लोग योजना से फायदा चाहते हैं, लेकिन हर बार हमें धोखा मिलता है. हमेशा पौधा हमारे खेतों तक देर से पहुँचता. लाभुकों ने जिला प्रशासन से पौधा जल्द से जल्द उपलब्ध कराने की मांग की है.



