
लातेहार। झारखंड की राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाने वाले और राज्य के पहले वन एवं पर्यावरण मंत्री रहे स्व यमुना सिंह की 14 वीं पुण्यतिथि सोमवार को राजा मेदनीराय इंटर कॉलेज, बरवाडीह में मनाई गई. इस अवसर पर लोगों ने उन्हें नमन करते हुए उनके संघर्षमय जीवन और योगदान को याद किया. बता दें कि यमुना सिंह का जन्म एक जनवरी 1941 को गारू प्रखंड के नक्सल प्रभावित गांव कोटाम (पोस्ट-कोटाम, थाना-गारू, जिला-लातेहार) में हुआ था.

उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा धर्मपुर स्कूल लातेहार से प्राप्त की, जबकि उच्च शिक्षा डालटनगंज के गिरवर हाई स्कूल से पूरी की. पढ़ाई के बाद वह नौकरी में आए और किरानी से लेकर ब्लॉक पदाधिकारी तक का सफर तय किया. लेकिन सरकारी नौकरी से संतुष्ट न होकर उन्होंने जनता की सेवा के लिए राजनीति की राह चुनी. वर्ष 1969 में पहली बार भाजपा से चुनाव जीतकर बिहार विधानसभा पहुंचे. इसके बाद वे चार बार झारखंड विधानसभा के सदस्य बने. झारखंड अलग राज्य बनने के बाद उन्हें राज्य का पहला वन एवं पर्यावरण मंत्री बनने का गौरव प्राप्त हुआ.

वन और वन्यजीवों के संरक्षण के साथ ही जंगलों में रहने वाले लोगों की सुरक्षा को उन्होंने हमेशा प्राथमिकता दी. इसी कारण लोग उन्हें स्नेहपूर्वक “हाथी सिंह” कहकर पुकारते थे. यमुना सिंह का निधन नौ सितंबर 2011 को हुआ. उनकी स्मृति में आज भी लोग उन्हें झारखंड की पर्यावरणीय चेतना का अग्रदूत मानते हैं. बरवाडीह प्रखंड में स्थापित राजा मेदनीराय इंटर कॉलेज भी उनकी ही देन है.
हालांकि, यह विडंबना है कि झारखंड के प्रथम वन मंत्री जैसे ऐतिहासिक व्यक्तित्व का नाम राज्य के इतिहास के पन्नों और सरकारी अभिलेखों में दर्ज नहीं है. स्थानीय लोग आज भी मांग करते हैं कि उनके जीवन और कार्यों को आधिकारिक तौर पर सम्मान दिया जाए. मौके पर मौके पर जिप सदस्य संतोषी शेखर, भाजपा उपाध्यक्ष सुनील सिंह, कन्हाई प्रसाद, शिबू साव, मनोज यादव, दिलीप यादव (पोंटिंग) के अलावा कांग्रेस के विधायक प्रतिनिधि प्रेम सिंह (पिंटू) विधायक पुत्र विजय बहादुर सिंह, मनोज सिंह समेत कई लोग मौजूद थे.



