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लातेहार

आइये जानें क्‍या है प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, कैसे मिल सकता है लाभ

आशीष टैगोर

लातेहार। जिला समाज कल्‍याण पदाधिकारी अलका हेंब्रोंम ने बताया कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का लाभ महिला एवं बाल विकास मंत्राााल के द्वारा दिया जाता है. यह योजना गर्भवती महिला और स्तनपान कराने वाली माताओं को आर्थिक सहायता के रूप में दी जाती है. यह राशि दो किस्तों में दी जाती है. इस योजना का लाभ सभी आय वर्ग की गर्भवती महिलाएं पा सकती हैं. आइये जानें कैसे मिल सकता है, इस योजना का लाभ

पहली किस्त – गर्भावस्था का पंजीकरण कराने और अंतिम माहवारी की तिथि से छह माह के भीतर कम से कम एक प्रसव पूर्व जांच कराने पर संबंधित प्रशासित राज्य/संघ राज्य क्षेत्र द्वारा आंगनबाड़ी केंद्र या अनुमोदित स्वास्थ्य सुविधाओं की पहचान की जा सकती है। राशि (रु. 3,000/-)
दूसरी किस्त – प्रसव पंजीकृत है। बच्चे को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम के तहत 14 सप्ताह की आयु तक सभी टीके लग चुके हैं। राशि (रु. 2,000/-)
दूसरे बच्चे के लिए योजना की शर्तें (यदि वह लड़की है)
एकल किस्त– गर्भावस्था के पंजीकरण और एलएमपी से छह महीने के भीतर आंगनवाड़ी केंद्र (एडब्ल्यूसी) पर कम से कम एक प्रसवपूर्व जांच (एएनसी) के बाद संबंधित प्रशासित राज्य/यूटी द्वारा अनुमोदित स्वास्थ्य सुविधाओं की पहचान की जा सकती है। इस योजना के तहत बालिका के जन्म को पंजीकृत किया जाएगा। बालिका को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम के तहत जन्म की तारीख से 14 सप्ताह की आयु प्राप्त करने तक सभी उचित टीके लग चुके हैं। राशि (रु. 6,000/-)
गर्भपात/मृत शिशु के जन्म के मामले में, लाभार्थी को किसी भी स्थिति में नया लाभार्थी माना जाएगा।
पात्रता
1. आवेदक की आयु कम से कम 19 वर्ष होनी चाहिए तथा वह गर्भवती महिला होनी चाहिए।
2. आवेदक कार्यरत होना चाहिए तथा गर्भावस्था के कारण वेतन हानि का सामना कर रहा हो।
3. यह योजना केवल प्रथम जीवित जन्म के लिए ही लागू है।
4. पात्र लाभार्थी बच्चे के जन्म से 270 दिनों के भीतर पीएमएमवीवाई योजना के तहत लाभ के लिए आवेदन कर सकते हैं।
5. यदि कोई लाभार्थी अपनी दूसरी गर्भावस्था में जुड़वां/तीन/चार बच्चों को जन्म देती है, जिसमें से एक या अधिक बच्चे लड़कियां हैं, तो उसे पीएमएमवीवाई 2.0 मानदंडों के अनुसार दूसरी लड़की के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।
समाज के सामाजिक और आर्थिक रूप से वंचित वर्गों के निर्धारण के मानदंड निम्नलिखित हैं:
1. अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की महिलाएं
2. वे महिलाएं जो आंशिक रूप से (40%) या पूर्ण रूप से विकलांग (दिव्यांग जन) है
3.बीपीएल राशन कार्ड धारक महिलाएँ
4. आयुष्मान भारत के तहत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) के 5 तहत महिला लाभार्थी।
5. ई-श्रम कार्ड धारण करती महिलाएं
6. किसान सम्मान निधि के अंतर्गत लाभार्थी महिला किसान
7. मनरेगा जॉब कार्ड धारक महिलाएं
8. ऐसी महिलाएँ जिनकी शुद्ध पारिवारिक आय 8 लाख रुपये प्रति वर्ष से कम है
9. गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायक महिला कार्यकर्ता/आशा कार्यकर्ता
10. एनएफएसए अधिनियम 2013 के तहत राशन कार्ड रखने वाली महिलाएं।
11. कोई अन्य श्रेणी जो केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित की जा सकती है।
अधिक जानकारी के लिए जिला समाज कल्याण विभाग लातेहार से संपर्क किया जा सकता है।
जनहित में जिला जनंसपर्क कार्यालय, लातेहार के द्वारा जारी
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Shubham Sanwad

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