


उसको रद्द करते हुए ग्राम सभा के माध्यम से समिति के सदस्यों का चयन कराया जाए। ईको विकास समिति के पूर्व अध्यक्ष सुनील नगेसिया ने बताया कि ईको विकास समिति का गठन एवं सदस्यों का चुनाव सर्वप्रथम 19 नवंबर 2020 को तत्कालीन रेंजर वृंदा पांडेय के द्वारा ग्राम सभा माध्यम से किया गया था। जिसमें 40 सदस्य महिला एवं पुरुष चयनित किए गए थे। लेकिन वर्तमान में वन विभाग के द्वारा 15 सदस्यो को निकालकर 25 सदस्य को रखा गया है।
जबकि गठन के समय प्रस्ताव पारित किया गया था, चयनित सदस्यों का कार्य दो-दो वर्ष अवधि के लिए होगा। प्रत्येक घर से कार्य के लिए सदस्यों का चयन होना था, ताकि लोध गांव के सभी ग्रामीणों को रोजगार मिले। लेकिन ग्राम सभा नही कराकर वन विभाग के अधिकारी अपनी मर्जी से सदस्यों का चयन कर कार्य करा रहे हैं। ग्राम प्रधान फ्रांसियूस केरकेट्टा ने बताया, बरसात में लोध जलप्रपात का ब्रिज क्षतिग्रस्त होने पर बिना ग्राम सभा के वनपाल के द्वारा लोध फॉल पर पर्यटकों की एंट्री एवं मुख्य गेट बंद कर दिया गया। फिर वही 19 सितंबर 2025 को बिना ब्रिज मरम्मत किये, वनपाल द्वारा विचौलिया सदस्य चयन कर चैन गेट खोलकर कार्य किया जा रहा है।
जिला परिषद सदस्य इस्तेला नगेसिया ने कहा गांव में लड़ाई-झगड़ा एवं जान-माल की क्षति होने की समस्या उत्पन्न हो गई है। जब तक समस्या का समाधान ग्राम सभा एवं जन प्रतिनिधि द्वारा नहीं होता है। तब-तक इको विकास समिति को बंद किया जाए। 15 इको समिति सदस्य जो काम से निकाला गया है उनके साथ न्याय किया जाय। ग्रामीणों ने अनुरोध किया है कि उपरोक्त कथन को समझते हुए निर्णय कर कुँवर गंझू और सिपाही कुणाल सिंह को छान-बीन कर तत्कालहटाया जाये। मौके पर नगेसिया,मुनेश्वर राम, सुधीर लोहरा, प्रेम सागर तिर्की, संजू नगेसिया, समेला देवी, अंकित तिर्की, संजय राम, विनोद राम, जुलास तिर्की, अंजू तिर्की, किशोर लोहरा, रामखेलान नगेसिया, आलम राम, बिपिन मिंज, रंजन तिर्की, सूरजदेव नगेसिया, रोहित नगेसिया सहित कई ग्रामीण उपस्थित थे।