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नेतरहाटराज्‍य

केरल कमाने गये युवक की आठ दिनों के बाद मिली मौत की सूचना

लातेहार। घर बार छोड़ कर केरल कमाने गये स्‍वयं नवल बृजिया और उसके परिजनों ने संपने में भी नहीं सोचा होगा कि वह वहां से कभी  जिंदा नहीं लौट सकेगा. उस पर भी दुर्भाग्‍य यह कि उसकी मौत की खबर उसके परिजनों को आठ दिनों के बाद मिली.

नवल का फाइल फोटो

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आदिम जनजाति समुदाय का नवल जिले के नेतरहाट थाना क्षेत्र के दुरूप पंचायत के दौना गांव का रहने वाला था. घर में उसकी गर्भवती पत्‍नी के अलावा दो बेटियां और एक बेटा हैं. पिछले दिनों दक्षिण भारत (केरल) कमाने गया था. पिछले हफ्ते वहां उसकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई.

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उसकी पत्नी बसंती देवी को इस दुखद घटना की जानकारी उसकी मौत की आठ दिनों बाद मिली. बसंती ने बताया कि आर्थिक तंगी के कारण उनका शव को वापस गाव नहीं ला सके. शव लाने के लिए कोई सरकारी मदद उन्‍हें नहीं मिली. उसके साथ गये साथी भी कुछ नहीं कर पा रहे थे. ऐसी स्थिति में  शव का वहीं अंतिम संस्‍कार कर दिया गया. दो बेटियां और एक बेटा उसका अभी भी इंतज़ार कर रहे हैं.

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बसंती देवी के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे. वह गर्भवती हैं और अब पूरे परिवार की ज़िम्मेदारी अकेले उनके कंधों पर आ गई है.  दुरूप पंचायत की पंचायत समिति सदस्य, नीलम देवी ने इस घटना को बेहद मार्मिक और दुखद बताया. उन्होंने कहा एक महिला होने के नाते वह बसंती के दर्द को भली-भांति समझ सकती हूं. नवल को हम वापस नहीं ला सकते, लेकिन एक जनप्रतिनिधि होने के नाते मैं उसकी हर संभव मदद करूंगी.

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उन्‍होने बसंती को सरकारी योजनाओं का  लाभ दिलाने की बात कही. ग्रामीणों की मानें तो नवल बहुत ही संघर्षशील इंसान था. उसका सपना था कि उसके बीबी और बाल बच्‍चे एक बेहतर जिंदगी जी सकें, लेकिन उसका यह सपना सपना ही रह गया और वह इस दुनिया से रूखस्‍त हो गया.

Shubham Sanwad

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