लातेहार। घर बार छोड़ कर केरल कमाने गये स्वयं नवल बृजिया और उसके परिजनों ने संपने में भी नहीं सोचा होगा कि वह वहां से कभी जिंदा नहीं लौट सकेगा. उस पर भी दुर्भाग्य यह कि उसकी मौत की खबर उसके परिजनों को आठ दिनों के बाद मिली.
