
ASHISH TAGORE
लातेहार। श्री वैष्णव दुर्गा मंदिर का 31 वां वार्षिकोत्सव 10 फरवरी को मनाया जायेगा. 31 वें वार्षिकोत्सव का तीन दिवसीय कार्यक्रम पिछले आठ फरवरी को कलश यात्रा से प्रारंभ हो चुका है. नौ फरवरी को दुर्गा सप्तशति का पाठ किया जा रहा है और 10 फरवरी को नौ कन्या पूजन के बाद भंडारा और रात्रि में भगवती जागरण का आयोजन किया जायेगा.
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गलत नहीं होगा कि शहर का श्री वैष्णव मंदिर न सिर्फ लातेहार वरन आसपास के क्षेत्रों के श्रद्धालुओं के लिए आस्था व विश्वास का प्रतीक है. दूर-दूर से लोग यहां आते हैं मां का दर्शन करते हैं. माता के चरणों में माथा टेक कर सुख व समृद्धि की कामना करते हैं. यही नहीं श्री वैष्णव दुर्गा मंदिर सांप्रदायिक सौहार्द की भी मिसाल है. जब साल 1992 में इस मंदिर का निर्माण कराया जा रहा था तो मंदिर निर्माण समिति का अध्यक्ष अभिनंदन प्रसाद एवं मुस्लिम समुदाय के मो शफीक (अब स्वर्गीय) को मंदिर निर्माण समिति का उपाध्यक्ष बनाया गया था.

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पहले यहां तालाब था
श्री वैष्णव दुर्गा मंदिर के सचिव आशीष टैगोर ने बातचीत करते हुुए बताया कि आज जिस स्थान पर श्री वैष्णव दुर्गा मंदिर है, वहां एक बड़ा सा तालाब हुआ करता था. तालाब के पास आजादी के पहले से ही दुर्गा पूजा होता था. बाद में साल 1948 को तालाब के एक हिस्से को भर कर देवी मंडप का निर्माण कराया गया था. उसके बाद से लगातार देवी मंडप में माता दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर पूजा अर्चना की जाती थी.
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बाद में एक सामुहिक बैठक कर यहां एक मंदिर निर्माण कराने का निर्णय लिया गया. वर्ष 1992 में यहां मंदिर निर्माण का कार्य शुरू किया गया. दो वर्ष बाद वर्ष 1994 में माघ मास की त्रयोदशी, शुल्क पक्ष को मंदिर में जयपुर, राजस्थान से माता वैष्णव दुर्गा की प्रतिमा मंगा कर स्थापित की गयी. तब से माघ मास की त्रयोदशी, शुल्क पक्ष की तिथि को मंदिर का तीन दिवसीय स्थापना दिवस मनाया जाता है. कहते हैं कहते हैं कि मंदिर में स्थापित माता की प्रतिमा अद्वितीय है.
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स्थापना दिवस कार्यक्रम में तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष इंदर सिंह नामधारी व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा तक भाग ले चुके हैं. रात्रि जागरण में कानपुर, पंजाब, दिल्ली एवं टी सीरिज के कई कलाकार भाग ले चुके हैं.
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