
बालूमाथ (लातेहार)। झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय सदस्य सह बालूमाथ निवासी जुनैद अनवर ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पर जूता फेकने की घटना को मनुवादी सोच का परिचायक बताया है.

प्रेस विज्ञप्ति जारी कर उन्होने बताया कि देश ने देखा है कि छोटे मोटे जुर्म पर भी देश के दबे कुचले लोगों को बड़े बड़े बड़े दफ़ा लगाकर जेलों में डाल दिया जाता है. जिसके हज़ारों उदाहरण भरे पड़े हैं. लेकिन पूरा देश आश्चर्य चकित है कि राष्ट्र के सबसे बड़े न्यायिक पद पर बैठे सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश भूषण रामकृष्ण गवई के ऊपर जूता फेंकने वाला खुलेआम न सिर्फ घूम रहा है, बल्कि अपने कुकृत्य पर माफ़ी मांगने के बजाय गर्व कर रहा है. उन्होंने ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश भूषण रामकृष्ण गवई के उदार हृदय है, की उन्होंने ख़ुद कोई कार्यवाही नहीं की. लेकिन छोटे मोटे मामलों में लोगों को हथकड़ियाँ लगाने वाली दिल्ली पुलिस किस कुंभकर्णी निंद्रा में है.

उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है, इस प्रकार के जघन्य अपराध करने वालो पर यदि कोई कार्रवाई नहीं की गई, तो भविष्य में इन जैसे मानसिकता वाले लोग भारतीय लोकतंत्र और संविधान पर हमला करते रहेंगे. इस तरह के लोग गोड़से के अनुयायी हैं. जुनैद अनवर ने कहा कि भारत की मीडिया ने भी यह साबित कर दिया कि इन्हें दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के ही गुनाह दिखई देती है, चाहे वह गुनाह छोटे ही क्यों ना हो. लेकिन एक खास वर्ग का गुनाह भी इन्हें नहीं दिखता जो निराशाजनक है. ऐसे घटनाओं से हमारा लोकतंत्र कमजोर होगा और समाज के दबे कुचले लोगों में असंतोष बढ़ेगा.




