

लातेहार। शहर के व्यवसायी व युवा समाजसेवी रितेश महलका को अदालत ने बाइज्जत बरी कर दिया है. रितेश महलका ने कहा कि उन्हें अदालत पर पूरा भरोसा था और वे आरोपों से मुक्त हो गये हैं. श्री महलका ने अब इस प्रकरण में समाज में उनकी छवि को पहुंची क्षति और मानसिक पीड़ा की भरपाई के लिए तत्कालीन बैंक मैनेजर व सीनियर बैंक मैनेजर पर 50-50 लाख कुल एक करोड़ रूपये का मानहानि का दावा ठोका है. इस संबंध में महलका के अधिवक्ता सुनील कुमार ने बताया कि अक्टूबर 2020 में एक सुनियोजित साजिश के तहत सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (हेठपोचरा) के तत्कालीन बैक मैनेजर संदीप नारायण सिन्हा एवंं सीनियर मैनेजर बेनन पी बारला ने श्री महलका के खिलाफ गंभीर आपराधिक धाराओं में झूठी प्राथमिकी दर्ज करवाई थी.

इस झूठे मुकदमे ने श्री महलका की सामाजिक प्रतिष्ठा, पारिवारिक सम्मान और व्यावसायिक छवि को गंभीर क्षति पहुंची. पिछले नौ जून को 2025 को न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी उत्कर्ष जैन की अदालत ने तथ्यों और साक्ष्यों का परीक्षण करते हुए श्री महलका को निर्दोष पा कर बाइज्जत बरी कर दिया. अधिवक्ता श्री कुमार ने बताया कि श्री महलका ने पूर्व के दोनो बैंक मैनेजरों को विधिवत कानूनी नोटिस जारी कर एक करोड़ की क्षतिपूर्ति की मांग की है. उन्होने कहा कि यदि निर्धारित समय सीमा में लिखित माफीनामा और आर्थिक क्षतिपूर्ति नहीं की जाती, दीवानी एवं दंडात्मक मुकदमे दायर किये जायेगें.

अदालत के इस फैसले पर महलका ने कहा कि सत्य को दबाया जा सकता है लेकिन मिटाया नहीं जा सकता है. उन्होने कहा कि उन्होने हमेशा समाजसेवा और ईमानदारी को जीवन का आधार बनाया है. ये न्याय मेरे लिए नहीं बल्कि हर उस इंसान के लिए है जो झूठे आरोपों से टूट जाता है. उन्होने कहा कि सोशल मीडिया पर फैलाई गई झूठी और अपमानजनक पोस्ट, फर्जी ऑडियो-वीडियो, और कमेंट्स के माध्यम से उनकी छवि को जानबूझकर बदनाम किया गया.




