लातेहार
शुभम संवाद खास- बिहार में हो रहे वोटर लिस्ट रिवीजन पर मनिका विधायक ने जतायी आपत्ति
आधार कार्ड को ही मान्य दस्तावेज मानने की मांग की

निहित कुमार
लातेहार। बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग वोटर लिस्ट को दुरुस्त करने में लगा है. जिसे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) कहते हैं. इसका उद्देश्य वोटर लिस्ट को साफ-सुथरा बनाना और अवैध वोटरों की पहचान करना है. विपक्ष इस प्रक्रिया का विरोध कर रहा है. विपक्ष का कहना है कि वोटर पंजीकरण के लिए जन्म प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेज मांगे जा रहे हैं. यह कहीं से उचित नहीं है. बिहार में वोटर लिस्ट ड्राफ्ट आने के बाद सियासी संंग्राम तेज हो गया है.

शुक्रवार को संसद के दोनो सदनो में हंगामा हुआ. विपक्ष इस पर चर्चा कराने की मांग कर रहा है. राहुल गांधी ने कहा कि चुनाव आयेग वोटों की चोरी में शामिल है. इधर, लातेहार में भी विपक्ष के नेताओ ने इस एसआईआर का विरोध किया है. वोटर लिस्ट रिवीजन को लेकर विधायक रामचंद्र सिंह ने आपत्ति जतायी है. शुभम संवाद से बातचीत करते हुए विधायक ने आधार को ही मान्य पहचान मानने की मांग केंद्र सरकार व भारतीय चुनाव आयोग से की है.

उन्होने वोटर लिस्ट रिवजन को आम जनता के लिए अनुचित और जटिल करार दिया. कहा कि आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांश लोगों के पास आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध नहीं हैं. बावजूद इसके वोटर लिस्ट में नाम दर्ज कराने के लिए कई प्रकार के कागजात मांगे जा रहे हैं. विधायक ने सवाल उठाया कि जब सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस तक ने यह स्वीकार किया कि उनके पास इतने दस्तावेज नहीं हैं, तब आम जनता से ऐसी उम्मीद करना अनुचित है.




