

कमरूल आरफी
बालूमाथ (लातेहार)। कोल ब्लॉक नीलामी प्रक्रिया के तहत हाल ही संपन्न कोल ब्लॉक वाणिज्यिक नीलामी के 12वें दौर में कुल सात कोयला ब्लॉकों की नीलामी होने के पश्चात बालूमाथ के बहुप्रतीक्षित चितरपुर कोल ब्लॉक उड़ीसा अलॉय स्टील प्राइवेट लिमिटेड रश्मि ग्रुप सर्वाधिक बोली लगाकर हासिल करने में सफल हुई है. बालूमाथ प्रखंड के चितरपुर कोल परियोजना चितरपुर पीएफ व बालूमाथ वन क्षेत्र में आता है. जिसे चितरपुर कोल ब्लॉक परियोजना के नाम से जाना जाता है. जो पूर्व में अभिजीत ग्रुप की कंपनी कॉरपोरेट पावर लिमिटेड को आवंटित हुआ था. जिसके आधार पर अभिजीत ग्रुप द्वारा बिजली संयंत्र निर्माण कराया जा रहा था. कोल ब्लॉक आवंटन रद्द होने से बिजली संयंत्र निर्माण अधर में लटक गया. इस परियोजना का स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा था. खासकर वन क्षेत्र में होने और जमीन के अधिग्रहण के मुद्दों पर स्थानीय लोग परियोजना के विरोध में थे. परियोजना लातेहार जिले के औद्योगिक और आर्थिक विकास से जुड़ी है, लेकिन साथ ही यह पर्यावरणीय और सामाजिक चिंताओं का भी केंद्र रही है.

बालूमाथ में सीसीएल की दो परियोजनाओं समेत आठ कोल ब्लॉक परियोजनाओं से होना है कोयले का खनन
खनिज संपदाओं से परिपूर्ण बालूमाथ प्रखंड में वर्तमान में सेंट्रल कोलफील्ड लिमिटेड द्वारा तेतरियाखाड एवं मगध परियोजना से कोयले का खनन किया जा रहा है. नॉर्थ धाधू के अंतर्गत आने वाले दो कोल ब्लॉक में एक एनएलसी इंडिया लिमिटेड व दूसरी एनटीपीसी की नेशनल माइनिंग लिमिटेड को आवंटित की जा चुकी है. रजवार कोल ब्लॉक तेनुघाट विद्युत निगम लिमिटेड को आवंटित किया जा चुका है. शेरेगढ़ा कोल ब्लॉक परियोजना पूर्व में ही जीएमआर कंपनी को आवंटित की जा चुकी है. व गणेशपुर कोल ब्लॉक भी प्रस्तावित है. ऐसे में देखा जाए तो बालूमाथ में सीसीएल की दो परियोजनाओं समेत आठ कोल ब्लॉक परियोजनाओं से कोयले का खनन होना है. डीवीसी द्वारा संचालित तुबेद कोलियरी से कुसमाही तक कोयले का परिवहन भी किया जा रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि दो तीन कोल परियोजना से खनन किए गए कोयले की परिवहन से प्रदुषण का ये आलम है तो आने वाले समय में आठ दस कोयला परियोजना से कोयले के परिवहन से प्रदुषण का स्तर सारे रिकॉर्ड तोड़ देगा.

प्रेस इन्फोर्मेशन ब्यूरो द्वारा जारी प्रेस रिलीज के अनुसार कोयला मंत्रालय के द्वारा 27 मार्च 2025 को वाणिज्यिक खनन के लिए कोयला ब्लॉक नीलामी प्रक्रिया के 12 वें दौर की शुरुआत की गई थी. जिसमें 28 से 31 जुलाई 2025 तक आयोजित अग्रिम नीलामियों में कुल सात कोयला ब्लॉकों की सफलतापूर्वक नीलामी की गई है. इन सात ब्लॉकों में लगभग 1,761.49 मिलियन टन का संयुक्त भूवैज्ञानिक भंडार है. इन ब्लॉकों की संचयी अधिकतम निर्धारित क्षमता (पीआरसी) 5.25 एमटीपीए है. नीलामियों में कड़ी प्रतिस्पर्धा देखी गई और औसतन 26.70% राजस्व हिस्सेदारी हासिल हुई. यह कोयला क्षेत्र में उद्योगों की निरंतर रुचि और एक स्थिर एवं पारदर्शी नीतिगत ढाँचा प्रदान करने के मंत्रालय के प्रयासों को दर्शाता है. इन ब्लॉकों से लगभग 719.90 करोड़ रुपए (आंशिक रूप से खोजे गए ब्लॉकों को छोड़कर) का वार्षिक राजस्व उत्पन्न होने की उम्मीद है. लगभग 787.50 करोड़ रुपए का पूंजी निवेश आकर्षित होने और 7,098 स्थाई रोजगार के अवसर पैदा होने की संभावना है. 2020 में वाणिज्यिक कोयला खनन की शुरुआत के बाद से कुल 131 कोयला ब्लॉकों की सफलतापूर्वक नीलामी की जा चुकी है. जिनकी उत्पादन क्षमता 277.31 मिलियन टन प्रति वर्ष है. इन परियोजनाओं के चालू होने पर ये ब्लॉक घरेलू कोयला उत्पादन को बढ़ाने और देश को कोयला क्षेत्र मे आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देंगे. इन ब्लॉकों से सामूहिक रूप से 39,359 करोड़ रुपये का वार्षिक राजस्व, 41,597 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश और कोयला-उत्पादक क्षेत्रों में 3,74,916 लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है.




