


बुधवार की पूरी रात ग्रामीण अखरों में महिला व पुरूषों को मांदर, ढोल और नगाड़े की थाप पर पारंपरिक सामुहिक नृत्य करते देखा गया. कई अखरों में बड़े बड़े साउंड बाक्स लगाये गये थे. लोगों ने कहा कि करमा पर्व प्रकृति की पूजा और संरक्षण का संदेश देता है, जिसमें करम डाली और जावा की पूजा की जाती है. करमा पर्व भाई-बहन के प्रेम को भी दर्शाता है, जहां बहनें अपने भाई की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती हैं. करमा पर्व का समापन शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण माहौल में हुआ. जिसमें प्रशासन की चौक-चौबंद व्यवस्था रही. 