लातेहार
नशाखोरी एक सामाजिक अपराध है: डीपीआरओ

लातेहार। जिला जनसंपर्क पदाधिकारी ( डीपीआरओ) डा चंदन ने कहा कि नशाखोरी एक सामाजिक अपराध है. समाज को स्वच्छ व स्वस्थ्य बनाने के लिए नशा से दूर रहना आवश्यक है. उन्होने खास कर आज के युवाओं से नशा से दूर रहने की अपील की. डा चंदन मंगलवार को अफीम की खेती एवं मादक पदार्थों के दुरूपयोग से होने वाले दुष्परिणाम विषय पर मीडिया क साथ आयोजित संगोष्ठि को संबोधित कर रहे थे. उन्होने आगे कहा कि मादक पदार्थों का दुरूपयोग से सामाजिक व्यवस्था चरमराने लगती है.
नशा का शिकार व्यक्ति अपने नैतिक मूल्यों का त्याग कर गलत व्यहार व प्रवृति की ओर अग्रसर होता है. उन्होने कहा कि सरकार के द्वारा अफीम की खेती को रोकने एवं मादक पदार्थों के दुरूपयोग को रोकने के लिए लगाता प्रयास किया जा रहा है, लेकिन इसमें जन सहभागिता भी आवश्यक है. उन्होने त्रिस्तरीय पंचायत के जन प्रतिनिधियों से भी इसके रोकथाम के लिए आगे आने की अपील की. उन्होने बताया कि पुलिस रिकार्ड के अनुसार चालू वर्ष में अब तक जिले के विभिन्न जिलों में 814 एकड़ भूमि पर लगी अफीम की खेती को नष्ट किया गया है और यह लगातार जारी है.
कार्यक्रम में वरीय पत्रकार आशीष टैगोर ने कहा कि मादक पदार्थों के दुरूपयोग से शारीरिक, मानसिक, आर्थिक और सामाजिक नुकसान होता है. नशाखोरी एक ऐसी प्रवृति है जिसमें लोग अपना सब कुछ गवां बैठते हैं. वरीय पत्रकार चंद्रप्रकाश सिंह ने भी मादक पदार्थों के दुरूपयोग के दुष्परिणामों से अवगत कराया. कार्यक्रम में मनोज दत्त, मनीष सिन्हा, नीरज सिन्हा, संजीत पांडेय, संजय यादव, आशीष वैद्य के अलावा जनसंपर्क कार्यालय के राकेश मिश्रा, दीपक कुमार आदि मौजूद थे.



