


ज्ञापन में कहा गया कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा सिविल अपील संख्या 1385/2025 एवं अन्य में टेट की अनिवार्यता संबंधि पारित प्रतिकुल आदेश से देश के लाखों शिक्षकों के समक्ष सेवा समाप्ति होने की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. ज्ञापन में कहा गया कि यह न्यायादेश विधायिका की शक्ति से गठित अधिनियमों के प्रतिकुल है. ज्ञापन में न्यायादेश के कुप्रभाव से लाखों शिक्षकों की प्रोन्नति सहित सेवा खोने की स्थिति को देखते हुए विधायिका व कार्यपालिका के स्तर से हस्तक्षेप दे कर लाखों शिक्षकों की सेवा संरक्षति करने की मांग की गयी है.