


समिति के अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि छठ महापर्व जैसे अवसर पर भी ये कंपनियां कोयले के डस्ट से परेशान लोगों के राहत के लिए पानी का छिड़काव और छठ घाटों की साफ सफाई में सहयोग नहीं कर रही हैं. यह दुर्भाग्यपूर्ण और असंवेदनशीलता का परिचायक है.
उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों से करोड़ों का राजस्व और संसाधन लिया जा रहा है, वहां की संस्कृति और आस्था के प्रति यह रवैया स्वीकार्य नहीं है. छठ समिति ने स्पष्ट रूप से चेतावनी दी है कि यदि जल्द से जल्द साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था नहीं की गई और घाटों की सफाई नहीं हुई, तो कंपनियों और पदाधिकारी के खिलाफ मोर्चा खोला जाएगा.