लातेहार। सदर प्रखंड के नावागढ़ पंचायत में शनिवार को शिव गुरू शिष्य परिवार का एक जिला स्तरीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में लातेहार जिले के विभिन्न प्रखंडों से शिव शिष्य परिवार के सदस्यों ने भाग लिया.
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मौके पर संबोधित करते हुए जिला संयोजक नूनू मल्हार ने कहा कि हमें अधिक से अधिक शिव शिष्यों को जोड़ना है ताकि उन्हें भी शिव का आर्शिवाद प्राप्त हो सके. उन्होने कहा कि प्रथमतः यह स्मरण रखना है कि भगवान शिव के गुरू- स्वरूप से शिष्य के रूप में सानिध्य हेतु कोई वर्जना याबाध्यता नहीं है और न ही हो सकती है. उन्होने कहा कि कम से कम एक माह में पुराने (तीन वर्ष के) गुरू भाई-बहन दस व्यक्तियों को शिव गुरू से शिष्य के रूप में जोड़ कर तीन माह में मिल सकते हैं.
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अध्यात्म के क्षेत्र में हम जगत गुरु शिव और उनके शिष्यत्व की अवधारणा का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं. यह अवधारणा सबसे अनमोल भारतीय आध्यात्मिक विरासत में से एक है. जो दुर्भाग्य से केवल किताबों में ही रह गया. यह श्रद्धेय वारेण्य गुरु भ्राता साहब श्री हरींद्रानंद जी हैं जिन्होंने महसूस किया है कि भगवान शिव गुरु के रूप में कार्य करते हैं. उन्होंने भगवान शिव का शिष्य बनने के लिए तीन सूत्र प्रतिपादित किए हैं.
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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव की उपासना करने से साधक के सभी रोग दोष और पीड़ाएं दूर हो जाती है. बता दें कि भगवान शिव को आदिगुरु के नाम से भी जाना जाता है. गोष्ठि में जिले भर से सभी शिव शिष्य परिवार उपस्थित हुए. सभी लोगों ने शिष्य से जोड़ने का संकल्प लिया. मौके पर रामसेवक साव, संतोष पासवान, पुष्प लता, अरुण विश्वास, तिरूपु कामेश्वर, गुड़िया, बिल्लू, प्रहलाद साहू और पृथ्वी साहू समेंत सैकड़ो शिव शिष्य मौजूद थे.