
Ashish Tagore
Latehar: अपनी दिलकश आबोहवा और नैसर्गिक खुबसूरती के कारण ही नेतरहाट को छोटानागपुर की रानी कहा जाता है. यह लातेहार जिला के महुआडांड़ प्रखंड में आता है. यहां अवस्थित है झारखंड का मशहूर नेतरहाट आवासीय विद्यालय. छोटानागपुर के शांति निकेतन के रूप में विख्यात इस विद्यालय ने गत 15 नवंबर को अपने 71 वर्ष पूरे किये. इस अवसर पर पूरा परिसर रंग बिरंगी रौशनी से नहाया था. हर ओर उल्लास का माहौल था. कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा था. विद्यालय के कई पूर्ववर्ती छात्र (नोबा) यहां पहुंचे थे और अपने अनुभवों को साक्षा कर रहे थे.
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स्थापना दिवस वि़द्यालय की उपलब्धियों को गिनाने का अवसर
दरअसल, 15 नवंबर का दिन नेतरहाट विद्यालय के इतिहास का एक महत्वपूर्ण अध्याय है. यह दिन विद्यालय की उपलब्धियों को सम्मानित करने और भविष्य की पीढ़ियों को प्रेरित करने का अवसर है. यह दिन उन मूल्यों और सिद्धांतों की याद दिलाता है जिन पर इस विद्यालय की नींव रखी गई थी. स्थापना दिवस पर विद्यालय का पूरा परिवार एकजुट होकर अपने आदर्शों और संस्कृति को सहेजने का संकल्प लेता है. नेतरहाट विद्यालय का स्थापना दिवस केवल एक दिन का आयोजन नहीं है, बल्कि यह उन आदर्शों का पुनः स्मरण है जिन्होंने इस विद्यालय को विशिष्ट और प्रेरणादायक बनाया है. यह दिन छात्रों को यह याद दिलाता है कि उन्हें अपने अग्रजों के पदचिह्नों पर चलना है और अपनी मेहनत और ईमानदारी से विद्यालय का नाम और ऊंचा करना है. कहना गलत नहीं होगा कि नेतरहाट विद्यालय का स्थापना दिवस हर छात्र, शिक्षक और पूर्व छात्र के लिए गर्व का क्षण और प्रेरणा का स्रोत है.
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1954 में स्थापना की गयी थी
15 नवंबर 1954 को नेतरहाट विद्यालय की नींव रखी गई थी. इस विद्यालय के पहले प्राचार्य चार्ल्स नेपियर थे और पहले बैच में 60 छात्रों को दाखिला दिया गया था. दरअसल, स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारत में शिक्षा के क्षेत्र में नए बदलाव की आवश्यकता महसूस की गई. देश को ऐसे विद्यालयों की जरूरत थी जो छात्रों को न केवल शैक्षणिक क्षेत्र में बल्कि नैतिकता और नेतृत्व में भी उच्च स्तर तक पहुंचा सकें. इसी उद्देश्य से नेतरहाट आवासीय विद्यालय की स्थापना की गयी थी. नेतरहाट विद्यालय की स्थापना का उद्देश्य केवल शिक्षा प्रदान करना नहीं था, बल्कि एक ऐसा वातावरण तैयार करना था जो विद्यार्थियों में आत्मनिर्भरता, नेतृत्व क्षमता और सेवा भाव को विकसित कर सके.
विद्यालय का शांत वातावरण है छात्रों के अनुकूल
नेतरहाट विद्यालय का परिसर न सिर्फ प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है वरण यहां का शांत वातावरण छात्रों के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए अनुकूल है. विद्यालय का वातावरण छात्रों को आत्मनिर्भर, अनुशासित और समर्पित बनाता है. यहां का पाठ्यक्रम केवल अकादमिक शिक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि विद्यार्थियों में कला, खेल और नैतिकता के गुणों को भी विकसित करता है.
नेतरहाट विद्यालय की उपलब्धियां और योगदान
नेतरहाट विद्यालय ने देश को कई होनहार व्यक्तित्व दिए हैं. ये आज प्रशासन, चिकित्सा, अनुसंधान, इंजीनियरिंग और शिक्षण के क्षेत्रों में उच्च पदों आसीन हैं. विद्यालय के छात्रों ने न केवल अपनी व्यक्तिगत सफलताएँ अर्जित की हैं बल्कि समाज और देश की सेवा में भी अपना योगदान दिया है. उनकी सफलता और योगदान विद्यालय की प्रतिष्ठा को बढ़ाते हैं और नेतरहाट का नाम गर्व से लिया जाता है.
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