लातेहार
पहल: सीआरपीएफ न सिर्फ सुरक्षा वरन बच्चों को तालिम भी दे रही है
ASHISH TAGORE
सीआरपीएपफ अब लोगों को न सिर्फ सुरक्षा दे रही है वरन गांव के बच्चों को शिक्षा से भी जोड़ रही है. जिले का बुढ़ा पहाड़ कभी नक्सलियों का सेफ जोन हुआ करता था, लेकिन आज पुलिस व सरकार वहां धीरे-धीरे पहुंच रही है. सीआरपीएफ व जिला पुलिस के लगातार परिचालनिक अभियान से आज क्षेत्र में शांति बनाये रखने में काफी सफलता मिली है.
इसी बुढ़ा पहाड़ की तराई में अवस्थित है तिसिया गांव. जिला मुख्यालय से इसकी दूरी तकरीबन एक सौ किलोमीटर होगी. उग्रवाद व नक्सलवाद की तपिश कम होने के कारण अब सरकार की विकास किरणें वहा पहुंचने लगी है. लेकिन काफी लंबे समय से उग्रवाद व नक्सलवाद की चपेट में रहने के कारण तिसिया गांव को शिक्षा के क्षेत्र में काफी प्रभावित किया है. आज भी तिसिया शिक्षा के क्षेत्र में काफी पिछड़ा है. हालांकि गांव में एक स्कूल भवन अवश्य है, लेकिन स्कूल में स्थापित शिक्षक काफी लंबे समय से नदारद हैं.
इस कारण बच्चे अब स्कूल नहीं जाते हैं. ऐसे में तिसिया में शिक्षा का अलख जगाने के लिए सीआरपीएफ 11 वीं बटालियन के कमाडेंट यादराम बुनकर ने एक पहल शुरू की. उन्होने गांव के बच्चों को तालिम देने योजना बनायी. श्री बुनकर ने सीआरपीएफ के कर्मिकों को गांव भेजा और बच्चों के अभिभावकों को सीआरपीएफ कैंप के नजदीक बने शेड में अपने बच्चों को पढ़ने के लिए भेजने का आग्रह किया.
इसका असर ग्रामीणों पर हुआ. हालांकि प्रारंभ में मात्र तीन बच्चे थे. लेकिन बाद में बच्चों की संख्या 53 हो गयी. बच्चों में शिक्षा के प्रति यह रूझान देख कर कमांडेंट यादराम बुनकर व उप कमांडेंट मुकेश कुमार व निरीक्षक राज कुमार रजक ने बच्चों के बीच स्कूल बैग, स्कूल ड्रैस, कॉपी, पेंसिल, व पानी की बोतल आदि का वितरण किया.
सीआरपीएफ बच्चों को मध्याह्न भोजन भी दे रही है. श्री बुनकर ने कहा कि सीआरपीएफ का यह प्रयास बचपन को शिक्षा से जोड़े रखना और उन्हें देश का एक सच्चा नागरिक बनाना है. सीआरपीएफ के इस प्रयास की सराहना हो रही है.