


आशीष टैगोर
इधर इस मामले के बाद मनरेगा बीपीओ रतन कुमारी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने जिप सदस्य विनोद उरांव पर निशाना साधते हुए कहा कि वह लगातार बीपीओ,जेई, ऐई पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं. उनका यह आरोप बेबुनियाद है. उन्होंने कहा कि हर योजना में जिप सदस्य कमीशन की डिमांड करते हैं, जिसे किसी भी हालत में पूर्ण नहीं किया जा सकता है. कमीशन नहीं देने के एवज में जिप सदस्य हम सभी पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं.
इधर जिप सदस्य विनोद उरांव ने इस संबंध में कहा कि अभी तक बीपीओ से मेरी कोई बात नहीं हुई है और ना ही मैं उनसे कभी मिला हूं. बीते दिन लाभुकों के द्वारा आवेदन दिया गया था उसी के आधार पर मैंने इस मामले से उपायुक्त महोदय को अवगत कराया था. जिप सदस्य ने कहा के प्रखंड मुखिया संघ ने भी बीपीओ व अन्य पर कमीशनखोरी का आरोप लगाया कर एक आवेदन उपायुक्त को दिया है और उसकी प्रतिलिपि मुझे भी दी है.
मुखियाओं ने अपने आवेदन में कहा है कि जब तक बीपीओ, ,कनीय अभियंता ,सहायक अभियंता और कंप्यूटर ऑपरेटर को स्थानांतरित नहीं किया जाता है तब तक वे प्रखंड में कार्य करने में असमर्थ हैं. मुखिया संघ का आरोप है कि प्रखंड में संचालित मनरेगा समेत अन्य योजना में मनमानी तरीके से पैसे की वसूली की जाती हैं. बीपीओ के द्वारा योजना इंट्री में 1500 रूपया ,एमआर में दो प्रतिशत ,जीओ टैग में 500 रूपया तक लिया जाता हैं. जबकि जेई पांच प्रतिशत एवं ऐई दो प्रतिशत लेते हैं. बहरहाल सच्चाई क्या है यह तो जांच में पता चलेगा, लेकिन इसकी यहां चर्चा खूब हो रही है. वैसे भी प्रखंड कार्यालय इन दिनों सुर्खियों मे है. पिछले दिन परसही पंचायत की मुखिया अनिता देवी व पंचायत सेवक सर्वेस सिंह का गहमागहमी का मामला खुब सुर्खियों बटोर चुका है.