लातेहार
सरना धर्म कोड लागू करे केद्र सरकार: बैद्यनाथ राम
सरना कोड लागू कराने की मांग को ले कर झामुमो का एक दिवसीय धरना प्रदर्शन


श्री राम सरना कोड लागू करने की मांग को ले कर समाहरणालय के समक्ष आयोजित धरना प्रदर्शन को संबोंधित कर रहे थे. उन्होने आगे कहा कि भाजपा हमेशा से ही आदिवासी समुदाय के प्रति दोहरी मानसिकता रखती है. भाजपा कहती कुछ और करती कुछ और है. उन्होने कहा कि जिस प्रकार जनगणना के फार्म में हिंदू, मुस्लिम व इसाई आदि धर्म का कॉलम है, उसी प्रकार सरना या आदिवासी का भी कॉलम होना चाहिए. श्री राम ने कहा कि सरना धर्म कोड लागू कराने की मांग को ले कर पूरे प्रदेश के जिला मुख्यालय में में एक साथ 27 मई को धरना प्रदर्शन किया रहा है.
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जिला अध्यक्ष लाल माेती नाथ शाहदेव ने कहा कि सरना धर्म कोड एक विशेष धार्मिक कोड है, जो आदिवासी समुदायों की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को मान्यता देने के लिए प्रस्तावित है. यह कोड आदिवासियों को उनकी विशिष्ट धार्मिक परंपराओं, रीति-रिवाजों और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और बढ़ावा देने में मदद करेगा. लेकिन केद्र की सरकार इसे लागू नहीं करना चाहती है. झारखंड की सरकार ने 11 नवंबर 2020 को ही विशेष सत्र में आदिवासियों के सरना धर्म कोड को लागू करने की मांग का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया था. यह प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजा गया था, लेकिन इसपर अब तक निर्णय नहीं हुआ है. खास बात यह कि जनगणना में सरना आदिवासी धर्म के लिए अलग कोड दर्ज करने का यह इस प्रस्ताव झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राजद की संयुक्त साझेदारी वाली सरकार ने लाया था. जिसका राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी बीजेपी के विधायकों ने भी समर्थन किया था. इसे साल 2020 में ही विधानसभा से पारित कर केंद्र सरकार को भेजा है. श्री शाहदेव ने इसे आदिवासियों के जीवन-मरण से जुड़ी मांग बताया.
कार्यक्रम में जिला 20 सूत्री उपाध्यक्ष अरूण कुमार दुबे, शमसुल होदा, इमरान खान, विनोद उरांव, सुशील कुमार, प्रभात कुमार, अंकिंत पांडेय व विशाल कुमार आदि मौजूद थे. इससे पहले शहर के बाजारटांड़ से एक रैली निकाली गयी. जिला मुख्यालय से सटे आसपास के गांवों के ग्रामीणों को भी इस कार्यक्रम में ढोल व नगाड़ों साथ शिरकत करते देखा गया.