cele n
SS SUPERMART 4 x6
parween
Lat
carnival 1
lps 1
alisha 1
rachna
RPD NEW NEW
mahi
राज्‍यलातेहार

मां उग्रतारा मंदिर में 16 दिवसीय शारदीय नवरात्र पूजा प्रारंभ

आस्था : नवरात्र में मां उग्रतारा नगर मंदिर में बढ़ी श्रद्धालुओं की भीड़

लातेहार। जिले के चंदवा प्रखंड के नगर में अवस्थित उग्रतारा माता के मंदिर में 16 दिवसीय नवरात्र पूजा 15 सितंबर से प्रारंभ हो गयी है. इस अवसर पर मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ गयी है. बता दें कि मां उग्रतारा  मंदिर न सिर्फ झारखंड वरन आसपास के राज्यों के लोगों के लिए भी आस्था और विश्वास का केंद्र हैं. कहते हैं, जो भी यहां आ कर सच्चे मन से माता से मुरादें मांगता है, वह जरूर पूरी होती हैं. यूं तो नगर भगवती में सालों भर लोगों की कतार लगी रहती है, लेकिन नवरात्र में यहां श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ती है. घंटों इंतजार करने के बाद लोगों की बारी आती है. बावजूद इसके लोग बड़े मनोयोग से नवरात्र में यहां आ कर पूजा अर्चना करते हैं और अपने एवं अपने परिवार की सुख व समृद्धि की कामना करते हैं.

Advertisement

16 दिवसीय नवरात्र का होता है आयोजन

यूं तो नवरात्र नौ दिनों का होता है. लेकिन मां नगर भगवती में शारदीय नवरात्र की पूजा 16 दिवसीय होती है. जिउतिया पर्व के पारण के दिन से मां अष्टादश भुजा की कलश स्थापना की जाती है. यहां पिछले 15 सितंबर को से ही माता की विशेष पूजा-अर्चना प्रारंभ कर दी गयी है. प्रतिदिन सुबह-शाम कलश की पूजा व आरती की जाती है. 22 सितंबर को महालया तिथि को गौरा आगमन व नूतन मंडप में अतिरिक्त छह कलश स्थापित किये जायेंगे.

Advertisement

पंचमी तिथि तक होगी कलशों की पूजा

नवरात्र के पंचमी तिथि तक प्रतिदिन नियमित आरती, कलश पूजा व श्रद्धालुओं की पूजा संपन्न होगी. षष्ठी तिथि को अपराह्न दो बजे विल्वाभिमंत्रण के लिए दामोदर नदी प्रस्थान किया जायेगा. सप्तमी तिथि को आरती के बाद गौरा विसर्जन व दामोदर गांव से देवी के लाने का कार्य किया जायेगा. इसी दिन देवी स्नान व कलश पूजन के बाद रात साढ़े दस बजे से श्रद्धालुओं के लिए बकरा बलि व पूजन होगा. अष्टमी तिथि को दिन में 1.44 बजे संधि बलि होगी. नवमी तिथि को आरती के बाद सुबह साढ़े दस बजे महिष बलि होगी.

Advertisement

पान गिरने पर ही होता है विसर्जन

नवमी तिथि के अपराह्न तीन बजे माता के आसन में पान चढ़ाया जायेगा. बताया जाता है कि जब तक आसन से पान नहीं गिरता है तब तक विसर्जन नहीं होता है. पान गिरने के बाद ही विसर्जन की यहां परंपरा है. कभी कभी होता है कि रात भर पान नहीं गिरता है. ऐसे में रात भर भजन-कीर्तन कर माता को मनाने का प्रयास किया जाता है.

Advertisement
Ashish Tagore

Bureau Head Shubhamsanwad.com 9471504230/9334804555

Ashish Tagore

Bureau Head Shubhamsanwad.com 9471504230/9334804555

Related Articles

Back to top button