लातेहार
छोटू खरवार के मारे जाने के बाद कुंदन व मनीष ही संभाल रहा था संगठन का कमान
नक्सली कमांडर छोटू खरवार 100 से अधिक नक्सली घटनाओं का अभियुक्त था. लातेहार जिले के अलावा अन्य जिलों के थानों में भी इसके खिलाफ कई मामले दर्ज थे. वह एनआईए की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल था. एनआईए ने उस पर तीन लाख का इनाम भी घोषित कर रखा था. छोटू खरवार लातेहार के छिपादोहर के इलाके का ही रहने वाला था.
बूढ़ापहाड़ पर अभियान ऑक्टोपस के बाद माओवादी संगठन की कमान छोटू खरवार ने संभाली थी. छोटू खरवार के नेतृत्व में माओवादी गुमला, लोहरदगा और लातेहार के इलाके में सक्रिय थे. छोटू खरवार माओवादियों का कोयल और शंख जोन का इंचार्ज था. पुलिस अधीक्षक ने प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि छोटू खरवार के मारे जाने के बाद कुंदन खरवार और मनीष यादव ही संगठन का कमान संभाल रहे थे.
उन्होने कहा कि कुंदन खरवार के गिरफ्तार होने एवं मनीष यादव के मारे जाने के बाद यहां माओवादी काफी कमजोर हैं. उन्होने बताया कि बरामद हथियार साल 2013 में सीआरपीएफ के साथ हुई मुठभेड़ में पुलिस से लूटी गयी थी. उस मुठभेड़ में दस जवान शहीद हो गये थे.