चंदवा (लातेहार)। प्रखंड मुख्यालय के इंदिरा गांधी चौक के समीप एक अर्धविक्षिप्त वृद्ध को पिछले एक साल से देखा जा रहा है. हालांकि जब उसे पहली बार देखा गया था तब उसकी हालत कुछ थी. पहनावा बगैरह कुछ ठीक ठाक था. लेकिन वर्तमान समय में वह अपना जीवन जमीन पर घिसट कर व्यतीत करने को मजबूर है.
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चंदवा के इंदिरा गांधी चौक के आसपास काफी समय से उस वृद्ध को देखा जा रहा है. पहले तो वह अपने पैरों से कंधे पर बैग और बोरी वगैरह लेकर इधर-उधर चल पाता था, लेकिन इन दिनों उनके पैरों में कुछ कठिनाइयां होने के कारण वह जमीन पर रेंग कर चल रहा है. हालांकि राष्ट्रीय राजमार्ग 39 एवं 22 के आसपास कुछ होटलों से उन्हें खाने-पीने की चीज उपलब्ध हो जाती है.
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इस कड़कड़ाती ठंड में जिला परिषद बस स्टैंड के अंदर एक जर्जर भवन में सोने की एक जगह है, जहां उसकी रात बीतती है. आसपास के दुकानदारों ने बताया कि बीते कुछ महीने पहले उनके पैर में किसी जंतु ने काटा था. काफी दिनों तक वह अपाहिज बनकर इधर-उधर सड़कों पर फिर रहा था. जब आस पास के लोगों ने देखा तो उस वृद्ध को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चंदवा भिजवाकर उनके पैरों का उपचार किया गया.
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इलाज के बाद वह ठीक-ठाक चल फिर रहा था, लेकिन अब अचानक वह जमीन पर रेंग कर दुकानदारों से मांग कर अपनी पेट की आग बुझा रहा है. स्थानीय लोगों ने विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों, प्रबुद्ध व्यक्तियों एवं प्रखंड के अधिकारियों से मानवीय संवेदना दिखाते हुए उसका इलाज एवं ठंड से बचने के लिए कंबल आदि की व्यवस्था करने की मांग की है.