उन्होने कहा कि अंचल, ब्लॉक, स्वास्थ्य विभाग और अब जिला परिषद कार्यालय तक घूस लेने का मामला सामने आया है. एक दिन पहले जिला परिषद कार्यालय के प्रधान लिपिक संतोष कुमार सिंह को एसीबी ने घूस लेते रंगे हाथों पकड़ा है.
वे लातेहार के ही रहने वाले संवेदक से पुल निर्माण योजना के पूर्ण होने पर भुगतान करने के एवज में घूस मांग रहे थे. डे ने कहा कि जिले के किसी भी सरकारी दफ्तर में बिना घूस का कोई भी एक काम नहीं होता है. वह ठेकेदारी का मामला हो या स्वास्थ्य विभाग का मामला हो या ब्लॉक व अंंचल का मामला हो.
सभी विभागों में अफसर तो बदल जाते हैं, लेकिन प्रधान लिपिक और लिपिकीय कार्य करने वाले लोग सालों साल विभाग में कुंंडली मार कर बैठे रहते हैं. एसीबी से गिरफ्तार होने के बाद जब वे जेल से छूटते तो फिर उसी विभाग व कार्यालय में अपना योगदान देकर जनता को चिढ़ाने का काम करते हैं.
